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190... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन
लाभ
चक्र- मूलाधार, मणिपुर एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- पृथ्वी, अग्नि एवं आकाश तत्त्व प्रन्थि- प्रजनन, एड्रीनल, पैन्क्रियाज एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्रशक्ति, तैजस एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मेरूदण्ड, गुर्दे, पाचन संस्थान, यकृत, तिल्ली, नाड़ी तंत्र, आतें, निचला मस्तिष्क, स्नायु तंत्र। . 6. सम्पुट मुद्रा
मंजुषा या पेटी को सम्पुट कहते हैं। सम्पुट का एक अर्थ रतिबंध (हथलेवा) है। निम्न चित्र में दर्शित मुद्रा रतिबंध की प्रतीक कही जा सकती है।
यह मुद्रा भारत में सम्पुट मुद्रा एवं जापान में 'संफुट गस्सहो' मुद्रा के नाम से जानी जाती है तथा गोपनीयता की
सूचक है।
विधि
सम्पुट मुद्रा . दोनों हाथों की हथेलियों को परस्पर में सटाएं। फिर एक हाथ के पृष्ठ भाग पर दूसरे हाथ की अंगुलियों को मोड़ते हुए रखना सम्पुट मुद्रा है।21 लाभ
चक्र- विशुद्धि, आज्ञा एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व प्रन्थि- थायरॉइड, पेराथायरॉइड, पीयूष एवं पिनियल ग्रन्थि केन्द्र- विशुद्धि, दर्शन एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- कान, नाक, गला, मुंह, स्वर