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184... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन लाभ
चक्र - मूलाधार, स्वाधिष्ठान एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- पृथ्वी, जल एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थि - प्रजनन एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र - शक्ति, स्वास्थ्य एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग - मेरूदण्ड, गुर्दे, पैर, प्रजनन अंग, मलमूत्र अंग, निचला मस्तिष्क एवं स्नायु तंत्र। 9. पल्लि मुद्रा ____ हिन्दी कोश के अनुसार छोटे गाँव या कुटी को पल्लि कहते हैं। यह नृत्य मुद्रा ग्राम या कुटी का संकेत करती है। विधि
___ दायें हाथ को सामने की ओर करें, फिर मयूर मुद्रा में रचित हाथ की तर्जनी को मध्यमा अंगुली के पृष्ठ भाग पर रख दिया जाए तब पल्लि मुद्रा बनती है।15
पल्लि मुद्रा