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182... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन
लाभ
चक्र- अनाहत एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व प्रन्थिथायमस एवं पीयूष ग्रन्थि ।
केन्द्र- आनंद केन्द्र एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- हृदय, फेफड़े, भुजाएँ, रक्त संचार प्रणाली, निचला मस्तिष्क, स्नायु तंत्र। 7. अर्धसूची मुद्रा ___सुई का संस्कृत रूप सूची है। इस मुद्रा में सुई पकड़ने की अर्ध अवस्था का बोध होता है अतः इसे अर्धसूची मुद्रा कहते हैं। यह नाट्य मुद्रा एक हाथ से की जाती है। विधि
दायी हथेली को सामने की ओर करें, फिर कपित्थ मुद्रा की भाँति मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठिका को हथेली की तरफ मोड़ें, अंगूठे को मध्यमा से सटाते हुए सीधा रखें तथा तर्जनी को ऊपर की ओर फैला देने पर अर्धसूची मुद्रा बनती है।13
अर्थसूची मुद्रा