________________
178... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- हृदय, फेफड़ें, भुजाएं, रक्त संचरण प्रणाली, निचला मस्तिष्क, स्नायु तंत्र। 3. चंद्रकला मुद्रा
यह चन्द्रकला शब्द चन्द्रमा की सोलह कलाओं का बोध कराती है। चन्द्र की कलाएँ (किरण या ज्योति) कृष्णपक्ष में निरन्तर घटती है और शुक्ल पक्ष. में क्रमश: बढ़ती जाती है। जिस पक्ष में चन्द्रमा की ज्योति मन्द पड़ती है वह कृष्ण पक्ष और जिस पक्ष में चन्द्र का प्रकाश फैलता है वह शुक्ल पक्ष कहलाता है। प्रस्तुत नाट्य मुद्रा चन्द्रमा की घटती-बढ़ती कलाओं को दर्शाती है।
एक हाथ से की जाने वाली यह मुद्रा सूचि मुद्रा के समान है। विधि
दायीं अथवा बायीं हथेली को सामने की ओर स्थिर करें। तदनन्तर मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठिका अंगुलियों को हथेली की तरफ अंदर मोड़ें तथा अंगूठा और तर्जनी को पृथक करने पर चंद्रकला मुद्रा बनती है।
चंद्रकला मुद्रा