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विष्णुधर्मोत्तर पुराण आदि में उल्लिखित मुद्राओं की सूची ......165 हस्तलक्षण” रखा गया है।
नाट्य मुद्राओं की प्रामाणिक सिद्धि एवं तुलना हेतु समरांगणसूत्रधार में निर्दिष्ट हस्त मुद्राओं की सूची निम्नोक्त है -
असंयुक्त हस्त मुद्राएँ - 1. पताका मुद्रा 2. त्रिपताक मुद्रा 3. कर्त्तरीमुख मुद्रा 4. अर्धचन्द्र मुद्रा 5. अराल मुद्रा 6. शुकतुण्ड मुद्रा 7. मुष्टिहस्त मुद्रा 8. शिखरहस्त मुद्रा 9. कपित्थ मुद्रा 10. कटकामुख मुद्रा 11. सूचीमुख मुद्रा 12. पद्मकोश मुद्रा 13. सर्पशीर्ष मुद्रा 14. मृगशीर्ष मुद्रा 15. कांगुल मुद्रा 16. अलपद्म मुद्रा 17. चतुर मुद्रा 18. भ्रमर मुद्रा 19. हंसास्य मुद्रा 20. हंसपक्ष मुद्रा 21. सन्दंश मुद्रा 22. मुकुल मुद्रा 23. ऊर्णनाभ मुद्रा 24. ताम्रचूड़ मुद्रा | 2 संयुक्त हस्त मुद्राएँ - 1. अंजलि मुद्रा 2. कपोत मुद्रा 3. कर्कट मुद्रा 4. स्वस्तिक मुद्रा 5. खटकावर्धन मुद्रा 6. उत्संग मुद्रा 7. निषध मुद्रा 8 डोल मुद्रा 9. पुष्पपुट मुद्रा 10. मकर मुद्रा 11. गजदन्त मुद्रा 12. अवहित्थ मुद्रा 13. वर्धमान मुद्रा | 3
नृत्तहस्त मुद्राएँ - 1. चतुरस्र मुद्रा 2. उदवृत्त मुद्रा 3. स्वस्तिक मुद्रा 4. विप्रकीर्ण मुद्रा 5. पद्मकोश मुद्रा 6. अराल मुद्रा 7. खटकामुख मुद्रा 8. आविद्ध वक्र मुद्रा 9 सूचीमुख मुद्रा 10. रेचितहस्त मुद्रा 11. उत्तानवंचित मुद्रा 12. अर्धरेचित मुद्रा 13. पल्लव मुद्रा 14. केशबन्ध मुद्रा 15. लताहस्त मुद्रा 16. करिहस्त मुद्रा 17. पक्षवंचित मुद्रा 18 पक्षप्रद्योतक मुद्रा 19. गरूड़ पक्ष मुद्रा 20. दण्ड पक्ष मुद्रा 21. ऊर्ध्वमण्डलिन् मुद्रा 22. पार्श्वमण्डलिन् मुद्रा 23. उरोमण्डलिन् मुद्रा 24. उरः पार्श्वार्धमण्डल मुद्रा 25. मुष्टिक स्वस्तिक मुद्रा 26. नलिनी पद्मकोश मुद्रा 27. अलपल्लव मुद्रा 28. उल्वण मुद्रा 29. ललित मुद्रा 30. वलित मुद्रा | 4
समरांगणसूत्राधार में नृत्तहस्त की 30 मुद्राएँ बतायी गयी हैं उनमें ‘उर:पार्श्वार्धमण्डल' नाम की मुद्रा नाट्य शास्त्र में नहीं है तथा नाट्यशास्त्र में वर्णित नितम्ब और तलमुख इन दो मुद्राओं का उल्लेख समरांगणसूत्रधार में नहीं है।
सोमेश्वर कृत मानसोल्लास में वर्णित मुद्राएँ
मानसोल्लास नामक यह रचना सोमेश्वर ( 12वीं शती) की है। इस ग्रन्थ में नाट्य की हस्त मुद्राओं का वर्णन किंचित भेद के साथ नाट्यशास्त्र के
अनुसार