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166... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन ही किया गया है। स्पष्टत: इसमें असंयुक्त मुद्राओं की संख्या 24 ही है किन्तु एकाध मुद्रा के नामों में अन्तर है तथा नृत्तहस्त मुद्राएँ 27 बताई गई है अन्तिम तीन मुद्राओं का उल्लेख नहीं है।
सुगम बोध के लिए मुद्रा सूची निम्न प्रकार है 5
असंयुक्त हस्त मुद्राएँ- 1. पताका मुद्रा 2. हंसपक्ष मुद्रा 3. चतुरस्र मुद्रा 4. अहिफण मुद्रा 5. अर्धचन्द्र मुद्रा 6. मृगशिरा मुद्रा 7. त्रिपताक मुद्रा 8. कर्तरीमुख मुद्रा 9. पद्मकोश मुद्रा 10. अरालक मुद्रा 11. शुकतुण्ड मुद्रा 12. कांगुल मुद्रा 13. अलपद्म मुद्रा 14. ऊर्णनाभ मुद्रा 15. मुकुल मुद्रा 16. हंसपक्ष मुद्रा 17. भ्रमर मुद्रा 18. सन्दंश मुद्रा 19. ताम्रचूड़ मुद्रा 20. मुष्टि मुद्रा 21. शिखर मुद्रा 22. कपित्थ मुद्रा 23. खटिकावक्त्र मुद्रा 24. सूचीमुख मुद्रा।
संयुक्त हस्त मुद्राएँ- 1. अंजलि मुद्रा 2. कपोत मुद्रा 3. कर्कट मुद्रा 4. स्वस्तिक मुद्रा 5. खटकावर्धमान मुद्रा 6. उत्संग मुद्रा 7. निषध मुद्रा 8. डोल मुद्रा 9. पुष्पपुट मुद्रा 10. मकर मुद्रा 11. गजदन्त मुद्रा 12. अवहित्थ मुद्रा 13. वर्धमान मुद्रा।
नृत्तहस्त मुद्राएँ- 1. चतुरस्र मुद्रा 2. उद्वृत्त मुद्रा 3.तलमुख मुद्रा 4. स्वस्तिक मुद्रा 5. विप्रकीर्ण मुद्रा 6. अराल खटकामुख मुद्रा 7. आविद्ध मुख मुद्रा 8. सूच्यास्य मुद्रा 9. रेचित मुद्रा 10. अधरचित मुद्रा 11. उत्तानवंचित मुद्रा 12. पल्लव मुद्रा 13. नितम्ब मुद्रा 14. केशबन्ध 15. लताहस्त मुद्रा 16. करिहस्त मुद्रा 17. पक्षवंचितक मुद्रा 18. पक्षप्रद्योतक मुद्रा 19. गरूड़पक्षक मुद्रा 20. दण्डपक्ष मुद्रा 21. ऊर्ध्वमण्डलिन् मुद्रा 22. पार्श्वमण्डलिन् मुद्रा 23. वक्षोमण्डलिन् मुद्रा 24. उर:पार्धिमण्डल मुद्रा 25. स्वस्तिक मुष्टि मुद्रा 26. नलिनी पद्मकोश मुद्रा 27. अलपल्लव मुद्रा।
जयत्सेन कृत नृत्तरत्नावली में वर्णित मुद्राएँ नृत्तरत्नावली लगभग 1250 ई. का ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में नाट्य सम्बन्धित हस्त मुद्राओं का विस्तृत वर्णन किया गया है। ग्रन्थकार ने नाट्यशास्त्र का अनुसरण करते हुए उन्हीं मुद्राओं को गुंफित किया है। तुलनात्मक दृष्टि से देखा जाए तो नृत्त रत्नावली में वर्णित हस्त मुद्राएँ नाट्यशास्त्र के समरूप होने पर भी उनमें नामों एवं संख्याओं को लेकर किंचित् भिन्नता है।