________________
अध्याय-3
विष्णुधर्मोत्तर पुराण आदि में उल्लिखित
__मुद्राओं की सूची भरत नाट्य शास्त्र के परवर्ती अनेक ग्रन्थों में भरत मुनि का अनुकरण करते हुए अनेक मुद्राओं का उल्लेख किया गया है। इनमें से कुछ ग्रन्थ पौराणिक साहित्य से सम्बन्धित है, तो कुछ शिल्पकला से तो कुछ नृत्यकला से। प्रायः सभी ग्रन्थों में कम या ज्यादा भरत नाट्य का ही अनुकरण किया गया है। किसी में कुछ अतिरिक्त मुद्राओं का उल्लेख है तो किसी में मुद्राओं का संक्षिप्तीकरण। तदुपरान्त जितनी भी मुद्राओं का वर्णन किया गया है उनका स्वरूप प्रायः भरत मुनि द्वारा वर्णित मुद्राओं के समान है। भरत नाट्य शास्त्र से समानता रखने वाले कुछ प्रसिद्ध ग्रन्थ इस प्रकार हैं
विष्णुधर्मोत्तर पुराण में वर्णित मुद्राएँ पुराण साहित्य की एक अनमोल कृति है विष्णु धर्मोत्तर। इस पुराण के तृतीय खण्ड के 32वें अध्याय में कुछ रहस्यमयी मुद्राओं के उल्लेख हैं, परन्तु वहाँ उनकी विधि नहीं बताई गई है। इसी ग्रन्थ के 33वें अध्याय (1-124) में लगभग शताधिक मुद्राओं का भी वर्णन है उनमें नृत्तशास्त्र सम्बन्धी मुद्राएँ भी उल्लिखित हैं। ये मुद्राएँ भरतमुनि के नाट्यशास्त्र की नृत्तहस्त मुद्राओं से साम्यता रखती हैं। इससे यह ज्ञात होता है कि भरतमुनि द्वारा वर्णित एवं इस परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का ही पुराणकार ने अनुसरण किया है।
विष्णुधर्मोत्तरपुराण के तृतीय खण्ड में हस्ताभिनय के अन्तर्गत नाट्यकला से सम्बन्धित असंयुक्त, संयुक्त और नृत्तहस्त मुद्राओं के नाम एवं उनकी संख्याएँ भी बताई गई है जो लगभग नाट्यशास्त्र के समान हैं केवल असंयुक्त मुद्राओं में अन्तिम की दो मुद्राओं का उल्लेख नहीं हैं अत: 24 के स्थान पर 22