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150... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन
लाभ
चक्र - मणिपुर एवं स्वाधिष्ठान चक्र तत्त्व- अग्नि एवं वायु तत्त्व ग्रन्थि— एड्रीनल, पैन्क्रियाज एवं प्रजनन ग्रन्थि केन्द्र - तैजस एवं स्वास्थ्य केन्द्र विशेष प्रभावित अंग - पाचन तंत्र, यकृत, तिल्ली, आँतें, नाड़ी तंत्र, प्रजनन अंग, मल-मूत्र अंग, गुर्दे ।
द्वितीय विधि
नाट्य शास्त्र के निर्देशानुसार जिस मुद्रा में दोनों हाथों को अल-पल्लव मुद्रा में निर्मित कर सिर पर रखा जाता है वह ललित मुद्रा है । 142
ललित मुद्रा-2
30.
वलित
मुद्रा
इस मुद्रा के नाम से ही सूचित होता है कि मुड़ा हुआ, झुका हुआ, बल खाया हुआ वलित कहलाता है।
इसमें हाथों को मोड़ा जाता है, किंचित झुकाया जाता है इसलिए इसका नाम वलित मुद्रा नाम है।