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भरतमुनि रचित नाट्य शास्त्र की मुद्राओं का स्वरूप......129 द्वितीय विधि
नाट्य शास्त्र के अनुसार जिस मुद्रा में दोनों हाथ पताका मुद्रा में रचित और कन्धों से आगे कुछ दूरी पर स्थित हों वह नितम्ब मुद्रा है।117
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नितम्ब मुद्रा-2
15. केशबंध मुद्रा
मुद्रा नाम के अनुसार जिसमें केशों को बांधने की क्रिया की जाती है उसे केशबंध मुद्रा कहा जा सकता है।
बृहहिन्दीकोश के अनुसार नृत्य में एक हस्तक, जिसमें हाथों को कंधे पर घुमाते हुए कमर पर लाते हैं और फिर ऊपर सिर की ओर ले जाते हैं वह केशबंध कहलाता है।118
यह मुद्रा केश संवारने या बनाने की सूचक है।