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भरतमुनि रचित नाट्य शास्त्र की मुद्राओं का स्वरूप......121 9. सूचीमुख मुद्रा
सूचीमुख और सुच्यास्य दोनों शब्द एक ही अर्थ का बोध कराते हैं। असंयुक्त हस्त मुद्राओं में इस मुद्रा नाम की पर्याप्त विवेचना कर चुके हैं। द्वितीय विधि
नाट्य शास्त्र में वर्णित विधि के अनुसार जिस मुद्रा में दोनों हाथ सर्पशीर्ष मुद्रा में रचित और अंगुठे हथेली के मध्य तिरछे प्रसरित हो वह सूचीमुख
मुद्रा है।109
सूचीमुख मुद्रा-2 10. रेचित मुद्रा
साफ किया गया, घोड़े की एक चाल, जिससे मल आदि बाहर किया गया हो इत्यादि क्रियाएँ रेचित कहलाती हैं। ____ यहाँ रेचित मुद्रा से तात्पर्य नृत्य में हाथ हिलाने का एक प्रकार जानना चाहिए।