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भरतमुनि रचित नाट्य शास्त्र की मुद्राओं का स्वरूप......117 द्वितीय विधि ___ भरतमुनि के अनुसार जिस मुद्रा में दोनों हाथ तलमुख मुद्रा की भाँति पृथक्-पृथक् हों, मणिबन्ध के ऊपर रखे हुए न हों वह विप्रकीर्ण मुद्रा है।103
विप्रकीर्ण मुद्रा-2
6. अराल मुद्रा द्वितीय विधि
नाट्य शास्त्र के मतानुसार जिस मुद्रा में दोनों हाथ अलपल्लव मुद्रा में ऊर्ध्वमुख एवं पद्मकोश मुद्रा में परिवर्तित हो वह अराल मुद्रा है।104