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भरतमुनि रचित नाट्य शास्त्र की मुद्राओं का स्वरूप... ... 113
द्वितीय विधि
नाट्य शास्त्र के अनुसार जिस मुद्रा में दोनों हाथों को हंसपक्ष मुद्रा में रचकर तालवृन्त (ताड़ के पंख) के समान पलट देते हैं वह उद्वृत्त मुद्रा है | 98
उदवृत्त मुद्रा-2
3. तलमुख मुद्रा
इस मुद्रा को तालमुख मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह नाट्य मुद्रा संयुक्त मुद्रा है। मुद्रा चित्र के अनुसार यह किसी चौड़ी वस्तु या खम्भे को घेरने की मुद्रा ज्ञात होती है।