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92... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन
लाभ
चक्र- स्वाधिष्ठान, आज्ञा एवं अनाहत चक्र तत्त्व- जल, वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थि - प्रजनन, पीयूष एवं थायमस ग्रन्थि केन्द्र- स्वास्थ्य, दर्शन एवं आनंद केन्द्र विशेष प्रभावित अंग - मल-मूत्र अंग, गुर्दे, प्रजनन अंग, निचला मस्तिष्क, स्नायु तंत्र, हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, रक्त संचरण प्रणाली। 5. खटका वर्धमान मुद्रा
खटक शब्द भय, आशंका, चिन्ता, फिक्र अर्थ में प्रयुक्त होता है। यहाँ इस मुद्रा नाम का अभिप्राय बढ़ती हुई चिन्ता या भय आदि से होना चाहिए | 75 इस मुद्रा को कटका वर्धमान और कटकवर्धन भी कहते हैं। प्रथम विधि
दोनों हथेलियों को सामने की ओर करें, फिर तर्जनी और मध्यमा के अग्रभाग को अंगूठे के अग्रभाग से संयुक्त करें, अनामिका और कनिष्ठिका अंगुलियों को ऊपर की तरफ सीधा रखें, तदनन्तर दोनों हाथों को Cross में
खटका वर्धमान मुद्रा- 1