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86... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन 2. कपोत मुद्रा
यहाँ कपोत शब्द का अर्थ पण्डुक नामक एक प्रकार का पक्षी है जो चित्तकबरा और पिंजरें में बंद रहता है।
यह मुद्रा मुख्यत: नाटक अभिनय के समय धारण की जाती है। दर्शाये चित्र के अनुसार यह शपथ अथवा मौन सम्मति के भावों को सूचित करती है। प्रथम विधि
दोनों हाथों को नमस्कार मुद्रा की भाँति ऊपर की ओर उठायें, दोनों कनिष्ठिकाओं की बाह्य किनारियों को संयुक्त कर दें तथा दोनों हाथों को किंचित सम्पुटाकार में बनाते हुए हथेलियों के मध्य भाग को खाली रखने पर कपोत मुद्रा बनती है।
यह मुद्रा पत्र मुद्रा के समान है।
इस मुद्रा में दोनों अंगूठे अलग-अलग और अपनी अंगुलियों के साथ जुड़े रहते हैं।69
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कपोत मुद्रा-1