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78... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन
लाभ
चक्र- मूलाधार, मणिपुर एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- पृथ्वी, अग्नि एवं आकाश तत्त्व अन्थि- प्रजनन, एड्रीनल, पैन्क्रियाज एवं पिनियल ग्रन्थि केन्द्रशक्ति, तैजस, ज्ञान केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मेरूदण्ड, गुर्दे, पैर, पाचन संस्थान, यकृत, तिल्ली, नाड़ी तंत्र, आँतें, ऊपरी मस्तिष्क एवं आँख। द्वितीय विधि
नाट्य शास्त्र के अनुसार जिस मुद्रा में हाथ की सभी अंगुलियाँ समान रूप से मिली हुई और अग्रभाग से झुकी हुई हो वह मुकुल मुद्रा है।61
मुकुल मुद्रा-2 लाभ ___चक्र- मूलाधार, मणिपुर एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- पृथ्वी, अग्नि एवं आकाश तत्त्व अन्थि- प्रजनन, एड्रीनल, पैन्क्रियाज एवं पिनियल ग्रन्थि केन्द्रशक्ति, तैजस एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मेरूदण्ड, गुर्दे, पैर, पाचन संस्थान, नाड़ी तंत्र, यकृत, तिल्ली, आँतें, ऊपरी मस्तिष्क, आँख।