________________
66... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन तत्त्व ग्रन्थि- एड्रीनल एवं प्रजनन केन्द्र- तैजस केन्द्र एवं प्रजनन विशेष प्रभावित अंग- मल-मूत्र अंग, गुर्दे, प्रजनन अंग, मेरूदण्ड, पाँव। द्वितीय विधि
नाट्य शास्त्र के कर्तानुसार जिस मुद्रा में हाथ की तीन अंगुलियाँ हथेली पर वृत्ताकार रूप में मुड़ी हुई, कनिष्ठिका ऊर्ध्वमुख और अंगूठा मध्य में स्थित हो, वह चतुर मुद्रा है।47
चतुर मुद्रा-2
लाभ
___चक्र- मणिपुर एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- अग्नि एवं आकाश तत्त्व प्रन्थिएड्रिनल, पैन्क्रियाज एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- तैजस एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- पाचन संस्थान, यकृत, तिल्ली, आँतें, नाड़ी तंत्र, निचला मस्तिष्क, स्नायु तंत्र।