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44... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन 6. शुकतुण्ड मुद्रा
शुकतुण्ड का शाब्दिक अर्थ है तोतें की चोंच।
यह हस्ताकृति शुकतुण्ड के समान प्रतिभासित होती है इसलिए इसे शुकतुण्ड कहते हैं।
यह एक नाटकीय मुद्रा तो है ही, साथ ही तांत्रिक पूजन के समय और हिन्दु परम्परा में देवी-देवताओं के सम्बन्ध में भी धारण की जाती है।
एक हाथ से की जाने वाली यह मुद्रा निर्दयता, क्रूरता या बाण द्वारा शिकार करने की सूचक है। प्रथम विधि
दायीं अथवा बायीं हथेली को बाहर की ओर अभिमुख करें, फिर अंगूठा, मध्यमा और कनिष्ठिका को ऊपर की ओर सीधा रखें तथा तर्जनी और अनामिका को हथेली की तरफ मोड़ने से शुकतुण्ड मुद्रा बनती है।19
शुकतुण्ड मुद्रा-1