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42... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन अन्थि- प्रजनन एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- स्वास्थ्य एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- प्रजनन तंत्र, मल-मूत्र अंग, गुर्दे, स्नायुतंत्र, निचला मस्तिष्क। द्वितीय विधि
नाट्य शास्त्र के अनुसार जिस मुद्रा में तर्जनी धनुष की भाँति झुकी हुई, अंगूठा कुंचित और शेष अंगुलियाँ पृथक् एवं ऊर्ध्व दिशा में वलित हो वह अराल मुद्रा है।17
अराल मुद्रा-2
लाभ
चक्र- आज्ञा एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- आकाश तत्त्व ग्रन्थि- पीयूष एवं पिनियल ग्रन्थि केन्द्र- दर्शन एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंगमस्तिष्क, स्नायु तंत्र, आंख।