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________________ 40... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन लाभ चक्र- मणिपुर चक्र तत्त्व - अग्नि तत्त्व ग्रन्थि - एड्रीनल एवं पैन्क्रियाज ग्रन्थि केन्द्र– तैजस, ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग - मस्तिष्क, संस्थान, यकृत, तिल्ली, नाड़ीतंत्र, आँतें। पाचन द्वितीय विधि नाट्य शास्त्र के अनुसार जिस मुद्रा में हाथ की सभी अंगुलियाँ अंगूठे के साथ धनुषवत झुकाकर फैला दी जाये, वह अर्धचन्द्र मुद्रा है। 14 अर्धचन्द्र मुद्रा - 2 चक्र मणिपुर एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- अग्नि एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थि - एड्रीनल, पैन्क्रियाज एवं पिनियल ग्रन्थि केन्द्र - तैजस एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग - पाचन संस्थान, यकृत, तिल्ली, आँतें, नाड़ी तंत्र मस्तिष्क एवं आंख। लाभ
SR No.006253
Book TitleNatya Mudrao Ka Manovaigyanik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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