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36... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन लाभ
चक्र- आज्ञा, विशुद्धि एवं मणिपुर चक्र तत्त्व- आकाश, वायु एवं अग्नि तत्त्व ग्रन्थि- पीयूष, थायरॉइड, पेराथायरॉइड, एड्रीनल एवं पैन्क्रियाज ग्रन्थि केन्द्र- दर्शन, विशुद्धि एवं तैजस केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- निचला मस्तिष्क, स्नायुतंत्र, नाक, कान, गला, मुँह, स्वर तंत्र। द्वितीय विधि ___नाट्य शास्त्र के अनुसार जिस मुद्रा में अनामिका झुकी हुई, अंगूठा तर्जनी के मूल में कुंचित और शेष अंगुलियाँ ऊपर की ओर फैली हुई हो वह त्रिपताका
मुद्रा है।
त्रिपताका मुद्रा-2
लाभ ___ चक्र- आज्ञा, विशुद्धि एवं मणिपुर चक्र तत्त्व- आकाश, वायु एवं अग्नि तत्त्व ग्रन्थि- पीयूष, थायरॉइड, पेराथायरॉइड, एड्रीनल एवं पैन्क्रियाज ग्रन्थि केन्द्र- दर्शन, विशुद्धि एवं तैजस केन्द्र।