________________
जैन एवं इतर परम्परा में उपलब्ध मुद्राओं की सूची ...57 9. पुराण साहित्य में वर्णित मुद्राएँ
ब्रह्मपुराण में निम्न आठ मुद्राओं का उल्लेख प्राप्त होता है
1. पद्य मुद्रा 2. शंख मुद्रा 3. श्रीवत्स मुद्रा 4. गदा मुद्रा 5. गरूड़ मुद्रा 6. चक्र मुद्रा 7. खड्ग मुद्रा 8. शा धनुष मुद्रा।24।
नारदीयपुराण में भी पूर्वोक्त आठ मुद्राएँ एक साथ प्राप्त होती है। ___1. पद्म मुद्रा 2. शंख मुद्रा 3. श्रीवत्स मुद्रा 4. गदा मुद्रा 5. गरूड़ मुद्रा 6. चक्र मुद्रा 7. खड्ग मुद्रा 8. शागेधनुष मुद्रा।25।
नारदीय पुराण में दीक्षा, मन्त्र जप, देवपूजन आदि प्रसंगों में निम्न मुद्राओं के नाम भी उपलब्ध होते हैं जैसे कि
योनि मुद्रा, मुष्टि मुद्रा, गो मुद्रा, कुम्भ मुद्रा, तत्त्व मुद्रा, मत्स्य मुद्रा, शंख मुद्रा, मूशल मुद्रा, चक्र मुद्रा, परभीकरण मुद्रा, महा मुद्रा, योनि मुद्रा, गारूडी मुद्रा, मालिनी मुद्रा, धेनु मुद्रा, शैवीषडंग मुद्रा, कमल मुद्रा, खेचरी मुद्रा।26
शिव पुराण में शिव की पूजा से सम्बन्धित पाँच मुद्राओं का उल्लेख मिलता है- 1. आवाहन मुद्रा 2. स्थापन मुद्रा 3. सन्निरोधन मुद्रा 4. निरीक्षण मुद्रा 5. नमस्कार मुद्रा।27
नारदीयपुराण में निम्न आठ मुद्राएँ देवी-देवताओं के आयुध, वाहन या चिह्न की सूचक कही गई हैं
1. पद्म मुद्रा 2. शंख मुद्रा 3. श्रीवत्स मुद्रा 4. गदा मुद्रा 5. गरूड़ मुद्रा 6. चक्र मुद्रा 7. खड्ग मुद्रा और 8. शाङ्ग मुद्रा।28
ब्रह्माण्डपुराण में विष्णु पूजा के समय प्रयुक्त होने वाली आठ मुद्राओं का उल्लेख मिलता है।29
कालिकापुराण में देवी पूजा से सम्बन्धित 108 मुद्राओं का विस्तृत वर्णन किया गया है जिनमें से निम्न 55 मुद्राएँ देवताओं को प्रसन्न करने वाली मानी गई हैं
1. धेनु मुद्रा 2. सम्पुट मुद्रा 3. प्राञ्जलि मुद्रा 4. बिल्व मुद्रा 5. पद्म मुद्रा 6. नाराच मुद्रा 7. मुण्ड मुद्रा 8. दण्ड मुद्रा 9. योनि मुद्रा 10. अर्घ मुद्रा 11. वन्दनी मुद्रा 12. महा मुद्रा 13. महायोनि मुद्रा 14. भग मुद्रा 15. पुटक मुद्रा 16. निषङ्ग मुद्रा 17. अर्धचन्द्रक मुद्रा 18. अंग मुद्रा 19. द्विमुख मुद्रा 20. शंख मुद्रा 21. मुष्टिक मुद्रा 22. वज्र मुद्रा 23. रब्ध मुद्रा 24. षड्योनि मुद्रा