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50...मुद्रा योग एक अनुसंधान संस्कृति के आलोक में
(iv) जयादि देवियों की पूजा संबंधित मुद्राएँ- 15. गोवृष मुद्रा 16. त्रासनी मुद्रा 17. पाश मुद्रा 18. अंकुश मुद्रा 19. ध्वज मुद्रा 20 वरद मुद्रा।
(v) सोलह विद्यादेवियों की आराधना सम्बन्धी मुद्राएँ- 21. शंख मुद्रा 22. शक्ति मुद्रा 23. श्रृंखला मुद्रा 24. वज्र मुद्रा 25. चक्र मुद्रा 26. पद्म मुद्रा 27. गदा मुद्रा 28. घण्टा मुद्रा 29. कमण्डलु मुद्रा 30. परशु मुद्रा (प्रथम) 31. परशु मुद्रा (द्वितीय) 32. वृक्ष मुद्रा 33. सर्प मुद्रा 34. खड्ग मुद्रा 35. ज्वलन मुद्रा 36. श्रीमणि मुद्रा।
(vi) दश दिक्पालों को प्रसन्न करने सम्बन्धी मुद्राएँ- 37. दण्ड मुद्रा 38. पाश मुद्रा 39. शूल मुद्रा (प्रथम) 40. शूल मुद्रा (द्वितीय)।
(vii) विसर्जन सम्बन्धी मुद्रा- 41. संहार मुद्रा।
(viii) देवदर्शन सम्बन्धी मुद्राएँ- 42. परमेष्ठी मुद्रा (प्रथम) 43. परमेष्ठी मुद्रा (द्वितीय) 44. पार्श्व मुद्रा ___(IX) प्रतिष्ठा में उपयोगी मुद्राएँ- 45. अंजलि मुद्रा 46. कपाट मुद्रा 47. जिन मुद्रा 48. सौभाग्य मुद्रा 49. योनि मुद्रा 50. गरूड़ मुद्रा 51. नमस्कृति मुद्रा 52. मुक्ताशुक्ति मुद्रा 53. प्रणिपात मुद्रा 54. त्रिशिखा मुद्रा 55. शृंगार मुद्रा 56. योगिनी मुद्रा 57. क्षेत्रपाल मुद्रा 58. डमरूक मुद्रा 59. अभय मुद्रा 60. वरद मुद्रा 61. अक्षसूत्र मुद्रा 62 त्रासनी मुद्रा 63. बिम्ब मुद्रा। 2. मुद्राविचार प्रकरण में प्रतिपादित मुद्राएँ
यह प्रकरण संस्कृत गद्य भाषा में रचित है। इस प्रकरण में कुल 63 मुद्राओं का उल्लेख किया गया है। इसमें सभी मुद्राएँ परिभाषा के साथ दी गई है तथा निर्वाणकलिका में वर्णित मुद्राओं के समान ही है अत: पुनरावर्तन नहीं किया जा रहा है। 3. श्री चन्द्राचार्यकृत सुबोधा सामाचारी में उल्लिखित मुद्राएँ
1. प्रवचन मुद्रा 2. पार्श्व मुद्रा 3. चक्र मुद्रा 4. वज्र मुद्रा 5. परमेष्ठी मुद्रा 6. सुरभि मुद्रा 7. गरूड़ मुद्रा 8. पवज्ज मुद्रा 9. मुद्गर मुद्रा 10. तर्जनी मुद्रा 11. जिन मुद्रा 12. मुक्ताशुक्ति मुद्रा 13. अंजलि मुद्रा 14. पद्म मुद्रा 15. सौभाग्य मुद्रा 16. आसन मुद्रा।
सुबोधा समाचारी में उक्त मुद्राओं का नामोल्लेख मात्र है और उनका सूचन वासचूर्ण एवं अक्षत अभिमन्त्रण, बिम्ब दर्शन, बिम्ब स्पर्श, बिम्ब रक्षा, अर्घ्य