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अमाहा
जैन एवं इतर परम्परा में उपलब्ध मुद्राओं की सूची ...51 अर्पण, धर्म देशना इत्यादि के संदर्भ में किया गया है। 4. तिलकाचार्य सामाचारी में उल्लिखित मुद्राएँ ___1. अग्नि मुद्रा 2. हनन मुद्रा 3. भूमिशुद्धि मुद्रा 4. शंख मुद्रा 5. कलश मुद्रा 6. योगिनि मुद्रा 7. चक्र मुद्रा 8. वज्र मुद्रा 9. परमेष्ठी मुद्रा 10. गरूड़ मुद्रा 11. धारण मुद्रा 12. जिन मुद्रा 13. अंग मुद्रा 14. अंजलि मुद्रा 15. आसन मुद्रा 16. सुरभि मुद्रा 17. प्रवचन मुद्रा 18. अंजलि मुद्रा 19 सौभाग्य मुद्रा।
तिलकाचार्य सामाचारी में उपरोक्त मुद्राओं का सूचन वासचूर्ण एवं अक्षत अभिमन्त्रित करने के संदर्भ में हुआ है। 5. सामाचारी संग्रह में भी उपर्युक्त 18 मुद्राओं का नाम निर्देश किया गया है। 6. जिनप्रभसूरि कृत विधिमार्गप्रपा में उल्लिखित मुद्राएँ
(i) स्थान एवं शरीर को पवित्र करने की मुद्राएँ- 1. नाराच मुद्रा 2. कुम्भ मुद्रा। ___(ii) हृदय आदि अंगों पर न्यास करने की मुद्राएँ- 3. हृदय मुद्रा 4. शिरो मुद्रा 5. शिखा मुद्रा 6. कवच मुद्रा 7. क्षुर मुद्रा 8. अस्त्र मुद्रा।
(iii) देवी-देवताओं को आह्वान आदि करने की मुद्राएँ- 9. महामुद्रा 10. धेनु मुद्रा 11. आवाहनी मुद्रा 12. स्थापनी मुद्रा 13. संनिधानी मुद्रा 14. निष्ठुर मुद्रा 15. आवाहन मुद्रा 16. स्थापन मुद्रा 17 निरोध मुद्रा 18. अवगुण्ठन मुद्रा।
(iv) जयादि देवताओं की पूजा करने की मुद्राएँ- 19. गोवृष मुद्रा 20. त्रासनी मुद्रा 21. पाश मुद्रा 22. अंकुश मुद्रा 23. ध्वज मुद्रा 24. वरद मुद्रा।
(v) सोलह विद्यादेवियों की मुद्राएँ- 25. शंख मुद्रा 26. शक्ति मुद्रा 27. श्रृंखला मुद्रा 28. वज्र मुद्रा 29. चक्र मुद्रा 30 पद्म मुद्रा 31. गदा मुद्रा 32. घण्टा मुद्रा 33. कमण्डलु मुद्रा 34. परशु मुद्रा (प्रथम) 35. परशु मुद्रा (द्वितीय) 36. वृक्ष मुद्रा 37. सर्प मुद्रा 38. खड्ग मुद्रा 39. ज्वलन मुद्रा 40. श्रीमणि मुद्रा।
(vi) दश दिक्पालों को संतुष्ट करने की मुद्राएँ- 41. दण्ड मुद्रा 42. पाश मुद्रा 43. शूल मुद्रा (प्रथम) 44. शूल मुद्रा (द्वितीय) 45. संहार मुद्रा।
(vii) प्रभु दर्शन आदि से संबंधित मुद्राएँ- 46. परमेष्ठी मुद्रा (प्रथम) 47. परमेष्ठी मुद्रा (द्वितीय) 48. पार्श्व मुद्रा।