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________________ प्रतिक्रमण के गूढ़ रहस्यों का विविध पक्षीय अनुसंधान ...29 तथा शुभ प्रवृत्ति भी होती है। 4. प्रतिक्रमण आवश्यक में कृत दोषों की निंदा, गर्दा एवं पश्चाताप किया जाता है। इससे मिथ्यात्व आदि हेतुओं से बंधे हुए पूर्व पापों का क्षय, नए मिथ्यात्व आदि में प्रेरक अनुबंधों की निर्जरा तथा सम्यग्दर्शन और सर्वविरति के भाव प्रबल बनते हैं। 5. कायोत्सर्ग आवश्यक में समस्त मन-वचन-काया की प्रवृत्ति का निरोध प्रतिज्ञा पूर्वक किया जाता है। इससे सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यग्चारित्र और किंचित् अयोग अवस्था की आराधना होती है। 6. प्रत्याख्यान आवश्यक में उपवास आदि तप का संकल्प किया जाता है। इससे इस आवश्यक द्वारा तपधर्म एवं विरति की साधना होती है। इस प्रकार प्रतिक्रमण के माध्यम से सम्यग्दर्शन आदि मोक्षमार्ग की उच्च साधना होती है अतएव यह एक महान योग साधना है। ___ संक्षेप में कहा जा सकता है कि प्रतिक्रमण प्रत्येक व्यक्ति के लिए अवश्य करणीय है। जैसे जल-स्नान से शरीर का मैल धुलकर वह निर्मल स्वच्छ बन जाता है उसी प्रकार प्रतिक्रमण करने से आत्मा के साथ लगी हुई पाप क्रियाओं का कर्म मल धुल जाता है और आत्मप्रदेश शुद्ध बन जाते हैं। विशेष यह है कि बाह्य मल तो शरीर शोभा को क्षणिक विकृत करता है, किन्तु पाप क्रिया रूप मैल आत्मा को अनंत संसार में भटकाता एवं दुःखी बनाता है। अतः क्रोध आवेग, ईर्ष्या, वासना, प्रमाद आदि रूप आभ्यन्तर मल का जड़मूल से विनाश करने के लिए प्रतिक्रमण किया जाना चाहिए। यह इस मैल को धोने का अचूक साधन है, जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। 5. पाप कर्मों का क्षय करने के लिए __अर्हत पुरुषों ने मुख्य उपदेश दिया है कि "पापकम्मं नेव कुज्जा न कारवेज्जा" पापकर्म न करना चाहिए और न ही करवाना चाहिए। बुद्ध का आदेश है कि "सव्वपावस्स अकरणं" कोई भी पापकर्म नहीं करना चाहिए। वैदिक श्रुतियाँ कहती है कि "प्रशस्तानि सदा कुर्यात् अप्रशस्तानि वर्जयेत्" पुण्य कार्य सदा करो और पाप कार्यों को छोड़ दो। जरथुष्ट धर्म में कहा गया है कि 'तमाम खद विचार, खद सुखकारी है और खदकाम का त्याग करो।' इसी प्रकार ख्रिस्ती धर्म और इस्लाम धर्म में
SR No.006249
Book TitlePratikraman Ek Rahasyamai Yog Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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