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प्रतिक्रमण एक रहस्यमयी योग साधना ...lix कुछ लाभ 23. किसने-कौनसा प्रतिक्रमण किया? 24. मिच्छामि दुक्कडं : एक विमर्श। अध्याय-3 : प्रतिक्रमण सूत्रों का प्रयोग कब और कैसे?
79-97 प्रतिक्रमण सूत्रों के शास्त्रीय नाम 2. कौनसा सूत्र किस मुद्रा में और क्यों? 3. दैवसिक प्रतिक्रमण सम्बन्धी सूत्रों में छः आवश्यक कैसे? 4. पाक्षिक आदि प्रतिक्रमण सम्बन्धी सूत्रों में छ: आवश्यक कैसे? 5. पाक्षिक आदि प्रतिक्रमणों में पंचाचार कैसे? 6. दैनिक जीवनचर्या में छ: आवश्यक किस तरह? 7. प्रतिक्रमण सत्रों का संक्षिप्त अर्थ एवं उनकी प्राचीनता 8. प्रात:कालीन प्रतिक्रमण में छः आवश्यक कहाँ से कहाँ तक? 9. देवसिक प्रतिक्रमण में छः आवश्यक कहाँ से कहाँ तक? 10. प्रतिक्रमण सूत्रों पर रचित टीकाएँ। अध्याय-4 : प्रतिक्रमण की मौलिक विधियाँ एवं तुलनात्मक समीक्षा
98-152 ___ 1. रात्रिक प्रतिक्रमण की विधि (खरतरगच्छ परम्परा के अनुसार) 2. श्वेताम्बर मूर्तिपूजक की अन्य परम्पराओं में रात्रिक प्रतिक्रमण (तपागच्छ, अचलगच्छ, पायच्छंदगच्छ, त्रिस्तुतिकगच्छ के अनुसार) 3. दैवसिक प्रतिक्रमण की विधि (खरतरगच्छ परम्परा के अनुसार) 4. श्वेताम्बर मूर्तिपूजक की अन्य परम्पराओं में दैवसिक प्रतिक्रमण विधि (तपागच्छ, अचलगच्छ, पायच्छंदगच्छ, त्रिस्तुतिकगच्छ के अनुसार) 5. पाक्षिक प्रतिक्रमण की विधि (खरतरगच्छ परम्परा के अनुसार) 6. श्वेताम्बर मूर्तिपूजक की अन्य परम्पराओं में पाक्षिक प्रतिक्रमण विधि (तपागच्छ, अचलगच्छ, पायच्छंदगच्छ, त्रिस्तुतिकगच्छ के अनुसार) 7. चातुर्मासिक प्रतिक्रमण की विधि 8. सांवत्सरिक प्रतिक्रमण की विधि 9. मण्डली स्थापना विधि 10. स्थानकवासी परम्परा में प्रचलित पंच प्रतिक्रमण विधि 11. तेरापंथी परम्परा में प्रचलित पंच प्रतिक्रमण विधि 12. दिगम्बर परम्परा में प्रचलित पंच प्रतिक्रमण विधि 13. दिगम्बर परम्परा मान्य पाक्षिक आदि प्रतिक्रमण विधि 14. श्वेताम्बर और दिगम्बर प्रतिक्रमण के पाठों की तुलना 15. बौद्ध परम्परा और प्रतिक्रमण की तुलना 16. वैदिक परम्परा और प्रतिक्रमण की तुलना 17. अन्य परम्पराएँ और प्रतिक्रमण।