SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 171
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रतिक्रमण की मौलिक विधियाँ एवं तुलनात्मक समीक्षा ...109 ‘इच्छाकारेण संदिसह भगवन्! अभिभव अशेष दुक्खखय कम्मक्खय निमित्तं करेमि काउस्सग्गं' फिर अन्नत्थसूत्र बोलकर पाँच लोगस्स का कायोत्सर्ग करते हैं। • तत्पश्चात पुन: एक खमासमण पूर्वक खड़े होकर कहते हैं कि 'इच्छाकारेण संदि. भगवन्! कुसुमिण दुसुमिण उड्डामणी निमित्तं राई पायच्छित्त विसोहणत्थं करेमि काउस्सग्गं' फिर अन्नत्थसूत्र कहकर 'सागरवरगंभीरा' तक चार लोगस्स का कायोत्सर्ग करते हैं। • चौथे आवश्यक के बाद आंचल प्रतिलेखना से लेकर सज्झाय तक की विधि इनमें प्रचलित दैवसिक प्रतिक्रमण के समान की जाती है। विशेष इतना है कि स्तवन के स्थान पर 'केवलनाणी' का स्तवन तथा सज्झाय के स्थान पर 'भरहेसर बाहुबली' की सज्झाय बोलते हैं।13 . पायच्छंदगच्छ- इस आम्नाय में रात्रिक प्रतिक्रमण लगभग तपागच्छ परम्परा के अनुसार ही किया जाता है। कुछ भिन्नताएँ निम्नोक्त हैं1. इस परम्परा में वंदित्तु सूत्र के पूर्व नवकार मन्त्र एवं करेमिभंते सूत्र के पश्चात चत्तारि मंगलं, इच्छामि ठामि सूत्र और इरियावहि सूत्र भी बोले जाते हैं। 2. वंदित्तु सूत्र की 43वीं गाथा ही बोलते हैं। 3. पाँचवें आवश्यक में प्रवेश करने से पूर्व सुगुरु वंदन नहीं करते हैं। 4. तीर्थ वंदना करने के पश्चात विशाल लोचन का चैत्यवंदन, वर्तमान जिन स्तुति की 10 गाथा, जंकिंचि, नमुत्थुणसूत्र बोलकर सम्मेतशिखर तीर्थ का स्तवन और अन्त में आचार्य आदि चार को वंदन पूर्वक प्रतिक्रण करते हैं।14 त्रिस्तुतिकगच्छ- इस परम्परा में रात्रिक प्रतिक्रमण की विधि प्राय: तपागच्छ के समान ही की जाती है। इन दोनों में पाठ भेद या विधि भेद भी नहींवत है।15 दैवसिक प्रतिक्रमण विधि उत्तराध्ययन, आवश्यकनियुक्ति, पंचवस्तुक, योगशास्त्र, प्रवचनसारोद्धार सुबोधासामाचारी, यतिदिनचर्या, विधिमार्गप्रपा, आचारदिनकर, साधुविधिप्रकाश आदि में प्रतिपादित एवं वर्तमान परम्परा में दैवसिक प्रतिक्रमण-विधि का प्रवर्तित स्वरूप यह है
SR No.006249
Book TitlePratikraman Ek Rahasyamai Yog Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages312
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy