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________________ आवश्यक का स्वरूप एवं उसके भेद ...37 का बहुलांश भाग चूर्णि ग्रन्थ से उद्धृत है फिर भी अनेक कथाएँ जो आचार्य हरिभद्र की टीका एवं चूर्णि में अस्पष्ट है उसे विस्तार देकर स्पष्ट किया गया है। इस टीका में उन्होंने मूल भाष्य गाथाओं की भी व्याख्या की है। आवश्यकनिर्युक्ति दीपिका - इस व्याख्या ग्रन्थ के रचयिता आचार्य माणिक्य- शेखरसूरि है। यह टीका ग्रन्थ न होकर उसका संक्षिप्त रूप ही है। आवश्यक निर्युक्ति का सामान्य अर्थ समझने में यह अत्यन्त उपयोगी है। इसमें कथानकों का सार संस्कृत भाषा में अत्यन्त संक्षिप्त शैली में प्रस्तुत है। कुछ कथाएँ तो दीपिका से ही स्पष्ट हो जाती है। ग्रंथ के प्रारम्भ में मंगलाचरण के रूप में नंदी सूत्र के प्रारम्भ की लगभग 50 गाथाओं की व्याख्या है। इसका समय पन्द्रहवीं शतीं के आस-पास का है। इसकी प्रशस्ति से ज्ञात होता है कि इसके रचनाकार अचलगच्छीय महेन्द्रप्रभसूरि के प्रशिष्य एवं मेरुतुंगसूरि के शिष्य थे 192 आवश्यक टिप्पणकम् - यह व्याख्या ग्रंथ आचार्य हरिभद्र वृत्ति पर आधारित है। इस ग्रंथ में महत्त्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दों की परिभाषाएँ दी गई हैं, क्लिष्ट एवं दुर्बोध शब्दों का स्पष्टीकरण किया गया है तथा प्रचुर मात्रा में देशी शब्दों का भी स्पष्टीकरण किया गया है। इनके अतिरिक्त अन्य व्याख्यामूलक ग्रंथ भी लिखे गये हैं। विस्तार भय से इस विषय को यही विराम देते हैं । जिज्ञासुवर्ग आवश्यक सूत्र सम्बन्धी व्याख्यात्मक साहित्य की जानकारी हेतु निम्न ग्रन्थों का अवलोकन करें · जैन साहित्य का बृहद् इतिहास भाग - 3 • जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा-आचार्य देवेन्द्र मुनि • जिनरत्न कोश • जैन विधि-विधान सम्बन्धी साहित्य का बृहद् इतिहास आदि। समीक्षा - जैन विचारणा में सामायिक आदि षड्विध क्रियाओं को अवश्य करने योग्य बतलाया गया है और इन्हें ही आवश्यक कहा है। यदि ऐतिहासिक संदर्भ में अध्ययन करें तो इस विषयक चर्चा अनुक्रमशः नन्दीसूत्र, अनुयोगद्वारसूत्र, आवश्यकसूत्र, विशेषावश्यकभाष्य, नन्दी चूर्णि, अनुयोग टीका आदि ग्रन्थों में समुपलब्ध होती है । काल क्रम की दृष्टि से प्रस्तुत उल्लेख सर्वप्रथम नन्दीसूत्र में प्राप्त होता है। नन्दी का एक अर्थ ज्ञान है अतः यह पाँच ज्ञान का प्रतिपादक ग्रन्थ है। इसमें
SR No.006248
Book TitleShadavashyak Ki Upadeyta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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