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________________ vi... षड़ावश्यक की उपादेयता भौतिक एवं आध्यात्मिक सन्दर्भ में स्थान 6. प्रत्याख्यान की अशोधि के स्थान 7. प्रत्याख्यानी-प्रत्याख्याता की दृष्टि से चतुर्भंगी 8. प्रत्याख्यान ग्रहण विधि 9. प्रत्याख्यान के आगार सम्बन्धी तालिका 10. प्रत्याख्यान के भेदोपभेद सम्बन्धी तालिका 11. प्रत्याख्यान के आगारों का स्वरूप 12. प्रत्याख्यान में आगार रखने का प्रयोजन 13. प्रत्याख्यान के विकल्प 14. प्रत्याख्यान पाठ की उच्चार विधि 15. प्रत्याख्यान के उच्चार स्थान 16. पाणस्स प्रत्याख्यान ग्रहण करने के स्थान 17. प्रत्याख्यान प्रतिपादन विधि 18. प्रत्याख्यान पालन विधि 19. प्रत्याख्यान पाठ सम्बन्धी स्पष्टीकरण 20. प्रतिक्रमण और प्रत्याख्यान का पारस्परिक सम्बन्ध 21. आहार के प्रकार 22. किस प्रत्याख्यान में कितने आहार का त्याग? 23. प्रत्याख्यान व्रत सम्बन्धी वर्जनीय. दलीलें 24. तीस नीवियाता 25. प्रत्याख्यान की आवश्यकता क्यों? 26. प्रत्याख्यान आवश्यक का प्रयोजन 27. प्रत्याख्यान आवश्यक की उपादेयता 28. आधुनिक सन्दर्भ में प्रत्याख्यान आवश्यक की प्रासंगिकता 29. उपसंहार। सहायक ग्रन्थ सूची 400-410
SR No.006248
Book TitleShadavashyak Ki Upadeyta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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