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________________ चतुर्विंशतिस्तव आवश्यक का तात्त्विक विवेचन ...161 इस परम्परा में एक विषय सम्बन्धी अनेक ग्रन्थ भी उपलब्ध होते हैं, उस अपेक्षा से लोगस्ससूत्र का उल्लेख एवं विवरण प्रस्तुत करने वाले अनेक ग्रन्थ . हैं। उनमें कुछ नाम इस प्रकार हैंग्रन्थ नाम ग्रन्थकार 1. महानिशीथसूत्र समुद्धृत-आचार्य हरिभद्र 2. उत्तराध्ययनसूत्र श्री सुधर्मा स्वामी गणधर 3. आवश्यकसूत्र श्री सुधर्मा स्वामी 4. चतुःशरण प्रकीर्णक श्रुतस्थविर 5. आवश्यक नियुक्ति आचार्य भद्रबाहु स्वामी 6. नंदी सूत्र श्री देववाचक 7. अनुयोगद्वारसूत्र श्रुत स्थविर 8. आवश्यकचूर्णि श्री जिनदासगणि महत्तर 9. आवश्यक भाष्य श्री चिरंतनाचार्य 10. आवश्यक टीका आचार्य हरिभद्रसूरि 11. आवश्यक टीका आचार्य मलयगिरि 12. ललित विस्तरा आचार्य हरिभद्रसूरि 13. चैत्यवंदन महाभाष्य श्री शांतिसूरि 14. योगशास्त्र विवरण आचार्य हेमचन्द्र 15. देववंदन भाष्य श्री देवेन्द्रसूरि 16. वंदितुसूत्र पर रचित वृंदारूवृत्ति श्री देवेन्द्रसूरि 17. विधिमार्गप्रपा आचार्य जिनप्रभसूरि 18. सुबोधा सामाचारी श्री चन्द्राचार्य 19. प्राचीन सामाचारी पुरन्दर आचार्य 20. आचार दिनकर आचार्य वर्द्धमानसूरि 21. धर्मसंग्रह उपाध्याय श्री मानविजय चतुर्विंशतिस्तव में गर्भित नवत्रिक चतुर्विंशतिस्तव एक अध्यात्म प्रधान एवं मंत्र मूलक स्तोत्र है। यह ध्यान साधना का परम उपाय, मन-वाणी एवं शरीर की चंचल वृत्तियों को रोकने के लिए अमूल्य औषधि और आध्यात्मिक शक्तियों को आविर्भूत करने का श्रेष्ठ
SR No.006248
Book TitleShadavashyak Ki Upadeyta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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