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________________ 86...षडावश्यक की उपादेयता भौतिक एवं आध्यात्मिक सन्दर्भ में द्वितीय व्युत्पत्ति के अनुसार उप-उचित, आश्रय-स्थान अर्थात जो उचित स्थान है वह उपाश्रय है। निश्चयदृष्टि से प्रत्येक आत्मा के लिए उसकी आत्मा ही उचित आश्रय स्थल है। तृतीय परिभाषा के अनुसार उप-समीप, आश्रय-स्थल अर्थात जहाँ आत्मा अपने विशुद्ध भावों के पास पहुँच सके, उसका आश्रय ले सके, वह उपाश्रय है। इनके सिवाय भी जहाँ मन स्थिर बनता हो, विधायक सोच उत्पन्न होती हो, वह सभी क्षेत्र सामायिक के लिए शुद्ध क्षेत्र हैं। 3. काल शुद्धि- जैन मुनि की सामायिक सर्वकालिक होती है अत: उसकी सामायिक के विषय में कालशुद्धि का प्रश्न नहीं हो सकता है, लेकिन गृहस्थ-साधक के लिए इसकी काल-मर्यादा निश्चित की गई है। काल का अर्थ समय है। योग्य समय पर सामायिक करना कालशुद्धि है जैसे- प्रात:काल, सायंकाल, गृह का आवश्यक कार्य निपट गया हो, हर्षकाल, पर्वकाल आदि। इन कालों में की गई सामायिक काल की अपेक्षा शुद्ध मानी गई है। अपने निमित्त से पारिवारिक कार्य रुकता हो, क्लेश बढ़ता हो, चित्त अशान्त बनता हो, धर्म की निन्दा होती हो, उस समय सामायिक लेकर बैठ जाना अशुद्धकाल है। ___ बहुत से साधक जब मन चाहे तब सामायिक करने बैठ जाते हैं। ऐसी सामायिक पूर्ण फलदायी नहीं होती है अत: दशवैकालिकसत्र के अनुसार 'काले कालं समायरे'- जिस कार्य का जो समय हो, उस समय वही कार्य करना चाहिए, यही काल शुद्धि है। सामान्यतया, सामायिक साधना का काल दिवस एवं रात्रि की दोनों सन्धि वेलाएँ मानी गई है। आचार्य अमृतचन्द्र ने भी इस मत का समर्थन किया है। दिगम्बर परम्परा में त्रैकालिक सामायिक का भी विधान है। वस्तुतः दोनों सन्धिकालों में सामायिक करना जघन्य नियम है। अधिकतम कितनी की जाए, यह साधक की क्षमता पर निर्भर है। यद्यपि आगम साहित्य में समय की अवधि का विधान नहीं है, तथापि श्वेताम्बर एवं दिगम्बर के परवर्तीकालीन ग्रन्थों में सामायिक व्रत की समयावधि एक मुहूर्त (48 मिनट) स्वीकारी गई है। ___ 4. मनःशुद्धि- मन की अशुभ प्रवृत्ति को रोकना मनःशुद्धि है। यह सभी जानते हैं कि मन का कार्य विचार करना है। फलत: आकर्षण, विकर्षण, कार्य
SR No.006248
Book TitleShadavashyak Ki Upadeyta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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