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44...प्रायश्चित्त विधि का शास्त्रीय पर्यवेक्षण 17. (क) वही, 99-102, 104-106
(ख) विधिमार्गप्रपा, पृ. 80 18. व्यवहारभाष्य, 110-113, 117-122 19. विधिमार्गप्रपा, पृ. 80 20. आचारदिनकर, भा. 2, पृ. 242-243 21. व्यवहारभाष्य, 121 22. वही, 125-126, 128-133 23. जैन आचार सिद्धान्त और स्वरूप, पृ. 213-214 24. व्यवहारभाष्य, 707,710 25. वही, 502 26. विधिमार्गप्रपा, पृ. 80 27. आचारदिनकर, भा. 2, पृ. 247 28. बृहत्कल्पभाष्य, 711 29. पंचाशक प्रकरण, 16/22 30. विधिमार्गप्रपा, पृ. 80 31. आचारदिनकर, भा. 2, पृ. 247-248 32. अनगारधर्मामृत, 7/56 33. पंचाशकप्रकरण, 16/23 34. वही, 16/24 35. विधिमार्गप्रपा, पृ. 80 36. आचारदिनकर, भा. 2, पृ. 248 37. अनगारधर्मामृत, 7/57 38. व्यवहारभाष्य, 403-404 की टीका 39. वही, 4184-92 40. वही, 514-516 41. वही, 4181 42. वही, 36 की टीका 43. अभिधानराजेन्द्रकोश, 5/361 44. वही, 6/340