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________________ 206... तप साधना विधि का प्रासंगिक अनुशीलन आगमों से अब तक प्रभु भोज की विधि मनाने का आधार यीशु द्वारा अपने शिष्यों के साथ अन्तिम भोज पर कहे गये वचन हैं जो पौलुस ने 1 करिन्थियो 11:23-26 में लिखे हैं - 'प्रभु यीशु को जिस रात पकड़वाया गया तो प्रभु ने रोटी ली एवं धन्यवाद कहते हुए उसे तोड़ा और कहा यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिए है, मेरे स्मरण के लिए यह किया करो । ' इस भोजन को 'पवित्र सहभागिता' (Holy Communion) भी कहते हैं। इस भोज के द्वारा मसीहियों का विश्वास दृढ़ होता है, प्रेम और भक्ति बढ़ती है, प्रभु के आज्ञा-पालन करने की प्रेरणा मिलती है और अनन्त जीवन की आशा बँधती है। 4. शुभ शुक्रवार (Good Friday) - शुभ शुक्रवार मसीहियों के लिए आनन्द मनाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह दिन प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाये जाने और पापियों के लिए प्राण देने की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन से पहले 40 दिनों तक बहुत से मसीही व्रत रखते हैं। शुभ शुक्रवार को विशेष आराधना का आयोजन किया जाता है, जिसमें यीशु के दुःख उठाने एवं 'क्रूस पर सात वाणी' आदि पर प्रवचन होते हैं। वे सात वाणियाँ निम्नाङ्कित हैं 1. 'हे पिता ! इन्हें क्षमाकर; क्योंकि ये जानते नहीं कि यह क्या कर रहे हैं। " - 2. 'मैं तुझ से सच-सच कहता हूँ कि आज ही मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा (यह शब्द एक डाकू से कहे गये थे, जो उनके साथ क्रूस पर टँगा था ) |7 3. 'हे नारी! देख, तेरा पुत्र ( माता मरियम से कहा ) और देख तेरी माता' (यूहन्ना चेले से कहा)। 4. 'हे मेरे परमेश्वर! हे मेरे परमेश्वर ! तूने मुझे क्यों छोड़ दिया' (क्योंकि उस समय यीशु मानव रूप में था ) | 9 5. 'मैं प्यासा हूँ। 10 6. 'पूरा हुआ। '11 7. ‘हे पिता! मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ। 12 शुभ शुक्रवार की आराधना दिन में 12 बजे से 3 बजे तक होती है। इस पर्व को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है कि यीशु ने पापियों के लिए क्रूस पर प्राण देकर समस्त मानव जाति के लिए उद्धार का मार्ग खोल दिया। यूहन्ना
SR No.006246
Book TitleTap Sadhna Vidhi Ka Prasangik Anushilan Agamo se Ab Tak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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