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________________ भारतीय परम्पराओं में प्रचलित व्रतों (तपों) का सामान्य स्वरूप...205 24 दिसम्बर की रात्रि से ही नवयुवकों की टोली जिन्हें कैरल्स कहा जाता है। यीशु मसीह के जन्म से सम्बन्धित गीतों को प्रत्येक मसीही के घर जाकर गाते हैं। 25 दिसम्बर की सुबह गिरजाघरों में विशेष आराधना होती है, जिसे "क्रिसमस सर्विस' कहा जाता है। इस आराधना में धर्माचार्य यीशु के जीवन से सम्बन्धित प्रवचन करते हैं। आराधना के पश्चात् मसीही बन्धु एक-दूसरे का अभिवादन करते हुए बड़ा दिन मुबारक (Wish you a Happy Cristmas) कहते हैं। एक-दूसरे को भेंट देते हैं और घर आने वालों का सत्कार करते हैं। क्रिसमस से एक सप्ताह पहले मसीही बन्धु अपने रिश्तेदारों एवं मिलने वाले लोगों को जो अन्यत्र रहते हैं, क्रिसमस ग्रीटिंग कार्ड भेजते हैं। यह पर्व यीश के जन्म का स्मरण कराता है। वास्तव में यह पर्व मसीहियों का हृदय है। ___2. खजूर का इतवार - यह पर्व यीशु के विजयोल्लास के साथ येरुशलम नगर में प्रवेश का पर्व है, जिसका वर्णन (मत्तीरचित सुसमाचार 21:1-11, मरकुसरचित ससमाचार 11:1-11, लूकारचित सुसमाचार 19:2944 और यूहन्नारचित सुसमाचार 12:12-19) में पाया जाता है। इस पर्व को मनाते समय मसीही भाई-बहन, बच्चे अपने-अपने हाथों में खजूर की डाल रखते हैं, जुलूस निकालते हैं, धर्माचार्य उनकी अगुवाई करते हैं और दाऊद की सन्तान को होशन्ना पुकारते हैं। जुलूस की समाप्ति पर पुनः आराधनालय (चर्च) में एकत्र होकर ईश्वर की भक्ति की जाती है। खजूर की डाल के विषय में यूहन्नारचित सुसमाचार में लिखा है - 'यह सुनकर कि यीशु येरुशलम को आता है, खजूर की डालियाँ लीं और उससे भेंट करने को निकले और पुकारने लगे कि होशन्ना धन्य इस्राइल का राजा, जो प्रभु के नाम से आता है।' 3. दुःख भोग का सप्ताह - शुभ शुक्रवार का पर्व मनाने के एक सप्ताह पहले दुःख भोग का सप्ताह मनाया जाता है। इसे पेशेन्स वीक (Patience Week) कहा जाता है। सोमवार से लेकर गुरुवार तक सन्ध्या समय मसीही भाई-बहन आराधनालय में एकत्र होते हैं और धर्माचार्य अथवा अन्यत्र स्थान से बुलाए गये मेहमान जो मसीही शिक्षा में दक्ष होते हैं, प्रवचन करते हैं और उन दिनों का स्मरण करते हैं जब प्रभु यीशु ने मानव जाति को पाप से बचाने हेतु कितना दुःख उठाया था। गुरुवार के दिन प्रभु भोज की विधि (Lord's Supper) भी मनायी जाती है।
SR No.006246
Book TitleTap Sadhna Vidhi Ka Prasangik Anushilan Agamo se Ab Tak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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