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माना जाता है। 46 आगम वाचना की तालिका इस प्रकार है
नगर
नेतृत्व
वाचना नाम
समय
प्रथम वाचना
पाटलीपुत्र
द्वितीय वाचनाखण्डगिरि
उदयगिरि
तृतीय वाचना| मथुरा
चतुर्थ वाचना| वल्लभीपुर
|पंचम वाचना| वल्लभीपुर
आचार्य स्थूलिभद्र पाटलीपुत्र वीर निर्वाण
आचार्य भद्रबाहु
दूसरी शती
(160 वर्ष)
आयोजक - राजा
उदयगिरि
खारवेल
खण्डगिरि
आर्य सुस्थितसूरि
(उड़ीसा)
आर्य सुप्रतिबद्धसूरि वर्तमान
भुवनेश्वर
के समीप
आचार्य स्कन्दिलसूरि माथुरी
जैन आगम : एक परिचय ... 11
| आचार्य नागार्जुनसूरि वल्लभी
देवर्द्धिगणि
क्षमाश्रमण
वल्लभी
| वीर निर्वाण
चतुर्थ शती (300-330
के मध्य )
| वीर निर्वाण नौंवी शती (827-840)
| वीर निर्वाण नौंवी शती
(827-840)
संदर्भ-ग्रन्थ
आवश्यकचूर्णि
हिमवंत थेरावली
एवं
खारवेल का अभिलेख
नंदचूर्ण
वीर निर्वाण
दसवीं शती
(980-993)
यहाँ ध्यातव्य है कि आर्य स्कंदिल सूरिजी की ( माथुरी) वाचना एवं आर्य नागार्जुनसूरिजी की (वल्लभी) वाचना दोनों का एक समय होने से कहीं-कहीं दोनों को एक वाचना के रूप में भी गिना गया है। वस्तुतः वे अलग-अलग वाचनाएँ ही है। आर्य रक्षितसूरिजी महाराज ने वीरात् 502 में मंदसौर (दशपुरनगर म.प्र.) में आगम अनुयोग पृथक्कीकरण की वाचना भी की थी। आगम लेखन का प्रारम्भ कब से?
जैन धर्म का विशाल साहित्य सर्वप्रथम चौदह पूर्वों एवं बारह अंगों में
कहावली भद्रेश्वरसूरि
सामाचारी
शतक