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358... आगम अध्ययन की मौलिक विधि का शास्त्रीय विश्लेषण
पाँच से सात उपांग, प्रत्येक में तीन-तीन आयंबिल, दिन- 9, काल - 9, नंदी - 6
उपांग नाम
दिन
कायोत्सर्ग
तप
आ.
आ.
उपांग नाम उपासकदशा प्रतिबद्ध
दिन
उ. नंदी 1
समु.2
कायोत्सर्ग
1
तप
आ.
दिन
वर्ग
अध्ययन
कायोत्सर्ग
तप
भगवती
उ. नंदी 1
1
दिन
वर्ग
अंतकृतदशादि पंच प्रतिबद्ध श्री निरयावलिका - श्रुतस्कन्ध, दिन- 7,
काल - 7 नंदी - 2
अध्ययन
कायोत्सर्ग
तप
प्रतिबद्ध
समु.2
1
LO
आ.
5
1
2
3
4
श्रु. उ. नंदी, कल्पिका कल्पवतंसिका - 2 पुष्पिका - 3 पुष्प चूलिका -4
वर्ग-1 का उ. समु.अ. आ.5/अं.5
10
आ.
सूर्यप्रज्ञप्ति ज्ञाताधर्मकथा प्रतिबद्ध जंबुद्वीपप्रज्ञप्ति
अ. नंदी 3
उ. नंदी 1
समु. 2
अ. नंदी 3
1
1
1
1
आ.
आ.
आ.
आ.
चन्द्रप्रज्ञप्ति
अ. नंदी 3
1
आ.
वह्निदशा-5
3.6/37.6
9
नी.
आ.5/अं.5
9
नी.
6
श्रु. समु.
0
आ.5/अं.5
9
नी.
7
श्रु. अनु. नंदी
0
1
आ.
1
नी.
छेदसूत्रों की योगविधि
आ.5/अं.5
9
नी.
निशीथसूत्र योग विधि
• निशीथ सूत्र में एक अध्ययन और बीस उद्देशक हैं। एक दिन और एक कालग्रहण पूर्वक दो-दो उद्देशक पूर्ण करते हैं। इस प्रकार दस दिनों में बीस उद्देशक पूर्ण किये जाते हैं।