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________________ योग तप (आगम अध्ययन) की शास्त्रीय विधि ...337 करें। इस दिन एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ नौ-नौ बार करें। __उनहत्तरवें दिन योगवाही पैंतीसवें एकेन्द्रियमहायुग्म शतक (जिसमें बारह उपशतक हैं) के एवं उसके आदि के छियासठ एवं अन्त के छियासठ-ऐसे एक सौ बत्तीस उद्देशकों के उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया नौवें शतक के समान पूर्ण करें। इस दिन एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ नौ-नौ बार करें। सत्तरवें दिन योगवाही छत्तीसवें बेइन्द्रियमहायुग्म शतक (जिसमें बारह उपशतक हैं) के एवं उसके आदि के छियासठ एवं अन्त के छियासठ-ऐसे एक सौ बत्तीस उद्देशकों के उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया नौवें शतक के समान पूर्ण करें। इस दिन एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ नौ-नौ बार करें। इकहत्तरवें दिन योगवाही सैंतीसवें तेइन्द्रिय महायुग्म शतक (जिसमें बारह उपशतक हैं) के एवं उसके आदि के छियासठ एवं अन्त के छियासठऐसे एक सौ बत्तीस उद्देशकों के उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया नौवें शतक के समान पूर्ण करें। इस दिन एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ नौ-नौ बार करें। बहत्तरवें दिन योगवाही अड़तीसवें चउरीन्द्रिय महायुग्म शतक (जिसमें बारह उपशतक है) के एवं उसके आदि के छियासठ एवं अन्त के छियासठऐसे एक सौ बत्तीस उद्देशकों के उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया नौवें शतक के समान पूर्ण करें। इस दिन एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ नौ-नौ बार करें। - तिहत्तरवें दिन योगवाही उनचालीसवें असंज्ञिपंचेन्द्रिय महायुग्म शतक (जिसमें बारह उपशतक हैं) के एवं उसके आदि के छियासठ एवं अन्त के छियासठ-ऐसे एक सौ बत्तीस उद्देशकों के उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया नौवें शतक के समान पूर्ण करें। इस दिन एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी क्रियाविधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ नौ-नौ बार करें। चौहत्तरवें दिन योगवाही चालीसवें संज्ञिपंचेन्द्रिय महायुग्म शतक (जिसमें इक्कीस उपशतक हैं) के एवं उसके आदि के एक सौ सोलह एवं अन्त के एक
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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