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योग तप (आगम अध्ययन) की शास्त्रीय विधि ...307
पाँचवें दिन यदि चौथे दिन 'असंस्कृत' अध्ययन सम्यक प्रकार से पूर्ण नहीं हुआ हो, तो पाँचवें दिन आयंबिल करें। यदि चौथे दिन पूर्ण कर लिया गया हो, तो भी पाँचवें दिन आयंबिल करें, चौथे अध्ययन की अनुज्ञा करें और एक कालग्रहण लें। इसकी क्रिया में पूर्ववत सभी क्रियाएँ एक-एक बार करें। - छठवें दिन योगवाही पाँचवें अध्ययन की उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा विधि करें, एक कालग्रहण लें एवं नीवि तप करें। इसकी क्रिया में कायोत्सर्ग आदि सभी क्रियाएँ पूर्ववत तीन-तीन बार करें।
सातवें दिन योगवाही छठे अध्ययन की उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा विधि करें, एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ तीन-तीन बार करें। ___आठवें दिन योगवाही सातवें अध्ययन की उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा विधि करें, एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ तीन-तीन बार करें।
नौवें दिन योगवाही आठवें अध्ययन की उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा विधि करें, एक कालग्रहण ले और नीवि तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ तीन-तीन बार करें। ____दसवें दिन योगवाही नवें अध्ययन की उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा विधि करें, एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी क्रियाविधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ तीन-तीन बार करें। ___ग्यारहवें दिन योगवाही दसवें अध्ययन की उद्देश-समुद्देश-अनुज्ञा विधि करें, एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ तीन-तीन बार करें। - बारहवें दिन से लेकर पन्द्रहवें दिन तक भी क्रमश: ग्यारहवें, बारहवें, तेरहवें, चौदहवें अध्ययनों की उद्देश-समुद्देश एवं अनुज्ञा विधि करें, प्रतिदिन एक-एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इनकी क्रियाविधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ तीन-तीन बार करें।
सोलहवें दिन योगवाही पन्द्रहवें एवं सोलहवें अध्ययन के उद्देश, समुद्देश एवं अनुज्ञा की विधि करें, एक कालग्रहण लें और नीवि तप करें। इसकी क्रियाविधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ छह छह बार करें।