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________________ योगोद्वहन सम्बन्धी विविध विधियाँ... 287 शोधन करें। फिर उसी दिन अनुज्ञानंदी की हो तो योगवाही नंदीरचना (समवसरण) की तीन प्रदक्षिणा दें। निवेदन- फिर वाचनाचार्य गुरु के सन्निकट एक खमासमण देकर कहें - इच्छाकारेण तुब्भे अम्हं जोगे निक्खिवेह- हे भगवन् ! आपकी इच्छा हो तो हमें योग से बाहर करिये। गुरु- उक्खेवामो कहें- मैं योग से बाहर करता हूँ । वासदान- उसके बाद योगवाही मुनि एक खमासमण पूर्वक वन्दन कर कहें- इच्छाकारेण तुब्भे अम्हं जोग निक्खेवावणियं वासनिक्खेवं करेह- हे भगवन्! आप इच्छापूर्वक योग में से बाहर करने के लिए हम पर वासदान करें। गुरु- करेमि कहकर योगवाहियों के मस्तक पर वासचूर्ण डालें। देववंदन - उसके पश्चात योगवाही एक खमासमण सूत्र पूर्वक वंदन कर कहें- इच्छाकारेण तुब्भे अम्हंजोगनिक्खेवावमियं देवे वंदावेह - हे भगवन् ! आपकी इच्छा हो तो योग से बाहर करने के निमित्त देववंदन करवाइये । गुरुवंदावेमो कहकर पूर्ववत 18 स्तुतियाँ पूर्वक देववन्दन करवावें । प्रत्याख्यान– तदनन्तर वाचनाचार्य के निर्देशानुसार योगवाही शिष्य मुखवस्त्रिका का प्रतिलेखन कर द्वादशावर्त्तवन्दन करें। फिर एक खमासमणसूत्र पूर्वक वंदन कर प्रत्याख्यान करें। पारणा कायोत्सर्ग- फिर एक खमासमणपूर्वक वंदन कर कहेंइच्छाकारेण तुम्भे अम्हं विगइ लियावणियं काउस्सग्गं करावेह | गुरुकरावेमि कहकर जोगनिक्खेवावणियं विगइ लियावणियं करेमि काउस्सग्गं पूर्वक अन्नत्थ सूत्र बोलकर एक नमस्कार मन्त्र का कायोत्सर्ग करवाएं। फिर प्रकट में नमस्कार मन्त्र बोलें । 106 कुछ परम्पराओं के अनुसार योगनिक्षेप विधि निम्नलिखित है। विधिमार्गप्रपा में इस विधि का उल्लेख इस प्रकार किया गया है सर्वप्रथम योगनिक्षेप करने वाले मुनि द्वादशावर्त्तवन्दन करें। फिर एक खमासमण देकर कहें- इच्छाकारेण तुब्भे अम्हं जोगे निक्खिवहं । गुरुनिक्खेवामो। फिर एक खमासमण देकर कहें- जोग निक्खेवाणियं काउस्सग्गं करावेह | गुरु- करावेमि । इतना कहकर जोगनिक्खेवावणियं करेमि काउस्सग्गं पूर्वक अन्नत्थ सूत्र बोलकर एक नमस्कार मन्त्र का कायोत्सर्ग करवायें। पूर्णकर प्रकट में नमस्कार मन्त्र बोलें। फिर योगनिक्षेप करने वाले मुनि एक खमासमण देकर कहें- जोगनिक्खेवावणियं चेइयाइं वंदावेह | गुरु
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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