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________________ 232... आगम अध्ययन की मौलिक विधि का शास्त्रीय विश्लेषण से तीन काल ग्रहण करने चाहिए। अपवादतः दो काल या एक काल भी ग्रहण कर सकते हैं। यहाँ काल से तात्पर्य रात्रिक स्वाध्याय काल से है । प्रादोषिक, अर्द्धरात्रिक, वैरात्रिक एवं प्राभातिक - ऐसे चार काल होते हैं। इनमें प्रत्येक काल एक प्रहर अर्थात लगभग तीन घण्टे का होता है। सामान्यतः तीन कालों का शुद्ध ग्रहण इस प्रकार संभव है - प्रादोषिक काल को ग्रहण कर सूत्रों का अध्ययन किया। उसके बाद अर्द्धरात्रिक काल शुद्ध रूप से ग्रहण कर स्वाध्याय किया। फिर वैरात्रिक काल शुद्ध रूप से ग्रहण नहीं हुआ तो स्वाध्याय नहीं करें। उसके बाद प्राभातिक काल शुद्ध रूप से ग्रहण हुआ हो तो स्वाध्याय करें। इस प्रकार वैरात्रिक को छोड़कर शेष तीन काल शुद्ध रूप से ग्रहण किए जाते हैं अथवा प्रथम प्रादोषिक काल शुद्ध रूप से ग्रहण हुआ हो और द्वितीय अर्द्धरात्रिक काल अशुद्ध हो गया हो तथा शेष वैरात्रिक एवं प्राभातिक शुद्ध रूप से ग्राह्य बने हों, तो इस तरह भी तीन काल ग्रहण होते हैं। अपवादत: दो काल और एक काल इस प्रकार युक्त है - प्रादोषिक काल शुद्ध रूप से ग्रहण हुआ हो तो उसमें स्वाध्याय किया, फिर अर्द्धरात्रिक काल भी शुद्ध रूप से ग्रहण हुआ हो तो उसमें स्वाध्याय करें। तदनन्तर वैरात्रिक और प्राभातिक शुद्ध रूप से ग्रहण नहीं हुए हों तो उस स्थिति में दो काल ही शुद्ध होते हैं। कालग्रहण के निम्न विकल्प भी हैं और उनमें किसी भी भाग में प्राभातिक कालग्रहण हो तो वह शुद्ध होना जरूरी है जैसे + वैरात्रिक चार में - तीन में + वैरात्रिक प्राभातिक + प्रादोषिक प्राभातिक + प्रादोषिक प्राभातिक + प्रादोषिक + अर्धरात्रिक प्राभातिक + अर्धरात्रिक + वैरात्रिक दो में प्राभातिक + प्रादोषिक प्राभातिक + अर्धरात्रिक प्राभातिक + वैरात्रिक + अर्धरात्रिक एक में- प्राभातिक। इससे स्पष्ट है कि प्राभातिक काल सभी में जरूरी है। सामाचारी नियम के अनुसार प्रभातिक काल शुद्ध रूप से ग्रहण किया जाए तो ही बाकी के तीनों, दोनों, एक भी शुद्ध गिने जाएंगे। प्राभातिक अशुद्ध हो तो बाकी के तीनों, दोनों, एक भी अशुद्ध गिने जाएंगे।
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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