________________
योगोद्वहन सम्बन्धी विविध विधियाँ ...225 का प्रतिलेखन कर द्वादशावर्त वन्दन करें। फिर अवग्रह से बाहर हो जायें। फिर अर्धावनत मुद्रा में स्थित होकर- इच्छाकारेण तुन्भे अहं श्री....समुद्दिसह। गुरु- समुद्दिसामि। शिष्य- इच्छं।
2. शिष्य- खमा. संदिसह किं भणामि? गुरु- वंदित्ता पवेयह। शिष्यइच्छं। ___3. शिष्य- खमा. इच्छाकारेण तुन्भे अहं श्री ...... समुद्दिट्ठ? गुरुसमुद्दि] (3) खमासमणाणं हत्थेणं सुत्तेणं अत्थेणं तदुभएणं थिरपरिचियं कायव्वं। शिष्य- इच्छामो अणुसडिं। ___4. शिष्य- खमा. तुम्हाणं पवेइयं संदिसह साहूणं पवेएमि। गुरुपवेयह। शिष्य- इच्छं।
5. शिष्य- खमा. फिर खड़े हुए तीन नमस्कार मन्त्र गिनें।
6. शिष्य- खमा. तुम्हाणं पवेइयं, साहूणं पवेइयं संदिसह काउस्सग्गं करावेह। गुरु- करावेमो। शिष्य- इच्छं।
7. शिष्य- खमा. श्री....समुद्दिसावणियं करेमि काउस्सग्गं, अन्नत्थसूत्र, एक लोगस्स का (सागरवरगंभीरा तक) कायोत्सर्ग पूर्णकर प्रकट लोगस्स कहें।
1. शिष्य- आधा खमासमण देकर कहें- इच्छामि खमासमणो वंदिउं जावणिज्जाए, गुरु-तिविहेण, शिष्य- मत्थएण वंदामि। शिष्य- इच्छा. संदि. भगवन्! वायणा संदिसाहुं? गुरु- संदिसावेह। शिष्य- इच्छं।
2. शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भगवन्! वायणा पडिग्गहूं? गुरुपडिग्गहेह। शिष्य- इच्छं। ___ 3. शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भगवन्! कालमंडला संदिसाहुं? गुरुसंदिसावेह। शिष्य- इच्छं। ____4. शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भगवन्! कालमंडला पडिलेहुँ? गुरुपडिलेहेह। शिष्य- इच्छं।
___5. शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भगवन्! सज्झाय पडिक्कमिसहं? गुरुपडिक्कमेह। शिष्य- इच्छं। ____6. शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भगवन्! पाभाईयकाल पडिक्कमिसहं? गुरु- पडिक्कमेह। शिष्य- इच्छं।