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योगोद्वहन सम्बन्धी विविध विधियाँ ...223 4. शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भगवन्! कालमांडला पडिलेहुँ? गुरुपडिलेहेह। शिष्य- इच्छं। ___5. शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भगवन्! सज्झाय पडिक्कमिउं? गुरुपडिक्कमेह। शिष्य- इच्छं।
6. शिष्य- आधा खमासमण देकर कहे- इच्छामि खमासमणो वंदिउं जावणिज्जाए, गुरु- तिविहेण, शिष्य- मत्थएण वंदामि। इच्छा. संदि. भगवन्! बइसणं संदिसाहुं? गुरु- संदिसावेह। शिष्य- इच्छं।
7. शिष्य- खमा. इच्छा. संदि. भगवन्! बइसणं ठाउं? गुरु- ठावेह। शिष्य- इच्छं। उसके बाद दो बार द्वादशावर्त वन्दन करके अवग्रह से बाहर निकले। अनुज्ञाविधि ____ 1. शिष्य- खमा. इच्छाकारेण तुम्भे अहं श्री....... अणुजाणह। गुरु- अणुजाणामि। शिष्य- इच्छं।
2. शिष्य- खमा. संदिसह किं भणामि? गुरु- वंदित्ता पवेयह। शिष्यइच्छं।
3. शिष्य- खमा. इच्छाकारेण तुम्मे अम्हं श्री.... अणुन्नायं? गुरुअणुन्नायं-3 खमासमणाणं हत्येणं सुत्तेणं अत्येणं तदुभयेणं सम्मं धारणीयं चिरं पालणीयं अन्नेसिपि पवेयणीयं गुरुगुणेहिं वुड्डाहि, नित्थारपारगा होह। शिष्य- इच्छामो अणुसटुिं। ___4. शिष्य- खमा. तुम्हाणं पवेइयं संदिसह साहूणं पवेएमि। गुरुपवेयह। शिष्य-इच्छं।
5. शिष्य- खमा. खड़े हुए तीन नमस्कार मन्त्र गिने। ___6. शिष्य- खमा. तुम्हाणं पवेइयं साहूणं पवेइयं संदिसह काउस्सग्गं करावेह। गुरु- करावेमो। शिष्य - इच्छं।
7. शिष्य- खमा. श्री....अणुजाणावणियं करेमि काउस्सग्गं अन्नत्य सूत्र पूर्वक एक लोगस्ससूत्र (सागरवरगंभीरा तक) का कायोत्सर्ग, पूर्णकर प्रकट लोगस्स कहें।
कालिकसूत्र सम्बन्धी योग चल रहे हों तो कालमंडल आदि के चार आदेश अधिक लें। फिर ‘बइसणं का आदेश लें।