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________________ योगोद्वहन : एक विमर्श ... 135 8. अध्ययन अथवा शतक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का आठवाँ कायोत्सर्ग। सात कायोत्सर्ग सम्बन्धी नियम अध्ययन अथवा शतक के दो से अधिक उद्देशक हों, तो प्रथम दिन सात कायोत्सर्ग होते हैं 1. अध्ययन अथवा शतक के उद्देशक सम्बन्धी सात खमासमण का पहला कायोत्सर्ग। 2. प्रथम उद्देशक के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का दूसरा कायोत्सर्ग | 3. द्वितीय उद्देशक के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का तीसरा कायोत्सर्ग । 4. प्रथम उद्देशक के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का चौथा कायोत्सर्ग । 5. द्वितीय उद्देशक के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का पांचवाँ कायोत्सर्ग। 6. प्रथम उद्देशक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का छठवाँ कायोत्सर्ग। 7. द्वितीय उद्देशक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का सातवाँ कायोत्सर्ग छह कायोत्सर्ग सम्बन्धी नियम जब दो अध्ययन या दो उद्देशक एक दिन में पूर्ण हो रहे हों तो उस दिन छह कायोत्सर्ग होते हैं 1. प्रथम अध्ययन अथवा प्रथम उद्देशक के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का पहला कायोत्सर्ग । 2. द्वितीय अध्ययन अथवा द्वितीय उद्देशक के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का दूसरा कायोत्सर्ग । 3. प्रथम अध्ययन अथवा प्रथम उद्देश के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का तीसरा कायोत्सर्ग | 4. द्वितीय अध्ययन अथवा द्वितीय उद्देशक के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का चौथा कायोत्सर्ग । 5. प्रथम अध्ययन अथवा प्रथम उद्देशक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का पाँचवाँ कायोत्सर्ग । 6. द्वितीय अध्ययन अथवा द्वितीय उद्देशक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का छठवाँ कायोत्सर्ग ।
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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