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________________ 136... आगम अध्ययन की मौलिक विधि का शास्त्रीय विश्लेषण पाँच कायोत्सर्ग सम्बन्धी नियम अध्ययन अथवा शतक की समाप्ति हो और उसका अन्तिम एक उद्देशक पूर्ण करना हो उस दिन पाँच कायोत्सर्ग होते हैं 1. अध्ययन या शतक के उद्देशक सम्बन्धी उद्देश के सात खमासमण, पहला कायोत्सर्ग। 2. अध्ययन या शतक के उद्देशक सम्बन्धी समुद्देश के सात खमासमण, दूसरा कायोत्सर्ग। . 3. अध्ययन या शतक के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण, तीसरा कायोत्सर्ग। ___4. अध्ययन या शतक के उद्देशक सम्बन्धी अनुज्ञा के सात खमासमण, चौथा कायोत्सर्ग। ___5. अध्ययन या शतक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण, पांचवाँ कायोत्सर्ग। अध्ययन उद्देशक रहित हो, उस दिन पाँच कायोत्सर्ग होते हैं1. सूत्र के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का पहला कायोत्सर्ग। 2. श्रुतस्कंध के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का दूसरा कायोत्सर्ग। 3. अध्ययन के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का तीसरा कायोत्सर्ग। 4. अध्ययन के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का चौथा कायोत्सर्ग। 5. अध्ययन की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का पाँचवाँ कायोत्सर्ग। चार कायोत्सर्ग सम्बन्धी नियम सूत्र अथवा श्रुतस्कंध का प्रारम्भ हो रहा हो और अध्ययन उद्देशक रहित हो, उस दिन चार कायोत्सर्ग होते हैं 1. सूत्र या श्रुतस्कन्ध के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का पहला कायोत्सर्ग। 2. अध्ययन के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का दूसरा कायोत्सर्ग। 3. अध्ययन के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का तीसरा कायोत्सर्ग। 4. अध्ययन की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का चौथा कायोत्सर्ग। तीन कायोत्सर्ग सम्बन्धी नियम जिस दिन एक अध्ययन पूर्ण करना हो, उस दिन तीन कायोत्सर्ग होते हैं1. अध्ययन के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का पहला कायोत्सर्ग।
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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