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________________ 134... आगम अध्ययन की मौलिक विधि का शास्त्रीय विश्लेषण ___8. प्रथम उद्देशक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का आठवाँ कायोत्सर्ग। 9. द्वितीय उद्देशक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का नौवाँ कायोत्सर्ग। अध्ययन अथवा शतक के दो उद्देशक हो, तो नौ कायोत्सर्ग होते हैं1. अध्ययन अथवा शतक के उद्देशक का पहला कायोत्सर्ग। 2. अध्ययन अथवा शतक के प्रथम उद्देशक के उद्देशक का दूसरा कायोत्सर्ग। 3. अध्ययन अथवा शतक के द्वितीय उद्देशक के उद्देश का तीसरा कायोत्सर्ग। 4. अध्ययन अथवा शतक के प्रथम उद्देशक के समुद्देश का चौथा कायोत्सर्ग। 5. अध्ययन अथवा शतक के द्वितीय उद्देशक के समुद्देश का पांचवाँ कायोत्सर्ग। 6. अध्ययन अथवा शतक के समद्देश का छठवाँ कायोत्सर्ग। 7. अध्ययन अथवा शतक के प्रथम उद्देशक की अनुज्ञा का सातवाँ कायोत्सर्ग। 8. अध्ययन अथवा शतक के द्वितीय उद्देशक की अनुज्ञा का आठवाँ कायोत्सर्ग। 9. अध्ययन अथवा शतक की अनुज्ञा का नौवाँ कायोत्सर्ग। आठ कायोत्सर्ग सम्बन्धी नियम अध्ययन या शतक पूर्ण हो रहा हो अथवा अन्त में दो उद्देशक हों तो आठ कायोत्सर्ग होते हैं 1. प्रथम उद्देशक के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का पहला कायोत्सर्ग। 2. द्वितीय उद्देशक के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का दूसरा कायोत्सर्ग। 3. प्रथम उद्देशक के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का तीसरा कायोत्सर्ग 4. द्वितीय उद्देशक के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का चौथा कायोत्सर्ग 5. अध्ययन अथवा शतक के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का पांचवाँ कायोत्सर्ग 6. प्रथम उद्देशक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का छठवाँ कायोत्सर्ग। 7. द्वितीय उद्देशक की अनुज्ञा सम्बन्धी सात खमासमण का सातवाँ कायोत्सर्ग।
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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