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________________ योगोद्वहन : एक विमर्श ...133 दस कायोत्सर्ग सम्बन्धी नियम जिस दिन अंगसूत्र के द्वितीय श्रुतस्कन्ध में प्रवेश करना हो, उस दिन दस कायोत्सर्ग किये जाते हैं 1. द्वितीय श्रुतस्कन्ध के उद्देशक का पहला कायोत्सर्ग। 2. द्वितीय वर्ग के उद्देशक का दूसरा कायोत्सर्ग। 3. द्वितीय वर्ग के आदिम उद्देशकों के उद्देश का तीसरा कायोत्सर्ग। 4. द्वितीय वर्ग के अन्तिम उद्देशकों के उद्देश का चौथा कायोत्सर्ग। 5. द्वितीय वर्ग के आदिम उद्देशकों के समुद्देश का पांचवाँ कायोत्सर्ग। 6. द्वितीय वर्ग के अन्तिम उद्देशकों के समुद्देश का छठवाँ कायोत्सर्ग। 7. द्वितीय वर्ग के आदिम उद्देशकों की अनुज्ञा का सातवाँ कायोत्सर्ग। 8. द्वितीय वर्ग के अन्तिम उद्देशकों की अनुज्ञा का आठवाँ कायोत्सर्ग। 9. द्वितीय वर्ग के समुद्देश का नौवाँ कायोत्सर्ग। 10. द्वितीय वर्ग की अनुज्ञा का दसवाँ कायोत्सर्ग। नौ कायोत्सर्ग सम्बन्धी नियम जिस सूत्र में अध्ययन अथवा शतक के दो उद्देशक हों उसमें प्रवेश करते समय नौ कायोत्सर्ग निम्न रूप से होते हैं 1. श्रुतस्कन्ध के उद्देशक सम्बन्धी सात खमासमण का पहला कायोत्सर्ग। 2. श्रुतस्कन्ध के उद्देशक के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का दूसरा कायोत्सर्ग। 3. प्रथम अध्ययन अथवा प्रथम शतक के उद्देशक सम्बन्धी सात खमासमण का तीसरा कायोत्सर्ग। ... 4. अध्ययन या शतक के प्रथम उद्देशक के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का चौथा कायोत्सर्ग। ____5. द्वितीय उद्देशक के उद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का पांचवाँ कायोत्सर्ग। 6. प्रथम उद्देशक के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का छठवाँ कायोत्सर्ग। ___7. द्वितीय उद्देशक के समुद्देश सम्बन्धी सात खमासमण का सातवाँ कायोत्सर्ग।
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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