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________________ 72... आगम अध्ययन की मौलिक विधि का शास्त्रीय विश्लेषण • यदि पूर्णिमा की रात्रि के अन्त में चन्द्र ग्रसित हुआ हो और ग्रसित हुआ ही अस्त होते हुए देख लिया गया हो, तो रात्रि के चार एवं आगामी दिन के चार ऐसे आठ प्रहर का अस्वाध्याय होता है। • आवश्यकनियुक्ति15 प्रवचनसारोद्धार,16 विधिमार्गप्रपादि17 के मन्तव्यानुसार जब चन्द्रमा उदय के साथ ही ग्रसित हो जाए तथा ग्रसित अवस्था में ही वह अस्त हो, तब उस रात्रि के चार प्रहर और आगामी दिन-रात के आठ प्रहर, ऐसे कुल बारह प्रहर का अस्वाध्याय होता है। • किसी साधु को जानकारी नहीं हो कि किस समय ग्रहण होगा, किन्तु इतना जानता हो कि आज पूर्णिमा की रात्रि में चन्द्र ग्रहण होने वाला है तब रात्रि के चार प्रहर तथा प्रभातकाल में यह देख लिया गया हो कि चन्द्र ग्रहण के कारण डूब गया है उस स्थिति में आगामी अहोरात्रि के आठ प्रहर, ऐसे कुल बारह प्रहर का अस्वाध्याय काल रहता है। • आकाश मेघाच्छन्न होने से ज्ञात न हो कि चन्द्र कब ग्रसित हुआ परन्तु दूसरे दिन चन्द्र को ग्रहण सहित अस्त होते हुए देख लिया गया हो, तो संदूषित रात्रि के चार एवं आगामी एक अहोरात्र के आठ इस प्रकार कुल बारह प्रहर का अस्वाध्याय होता है। . औत्पातिक ग्रहण में यदि चन्द्र ग्रह सहित ही अस्त हो जाए तो संदषित रात्रि के चार प्रहर एवं दूसरे अहोरात्र के आठ प्रहर ऐसे बारह प्रहर का अस्वाध्याय होता है। • उत्कृष्ट एवं जघन्य काल के बीच होने वाला अस्वाध्याय मध्यम कहलाता है। चन्द्र के ग्रह सहित डूबने पर मध्यम अस्वाध्याय काल होता है। सूर्यग्रहण- केतु के विमान से सूर्य के विमान का उपराग (ढंकना) होना सूर्यग्रहण है। सूर्यग्रहण होने पर जघन्य से बारह एवं उत्कृष्ट से सोलह प्रहर का अस्वाध्याय होता है। वह निम्न रीति से जानने योग्य है • यदि सूर्य उदय होते हुए ग्रसित हुआ हो और ग्रसित हुआ ही अस्त हो जाए, तो रात्रि के चार प्रहर एवं आगामी अहोरात्रि के आठ प्रहर, ऐसे बारह प्रहर का अस्वाध्याय होता है। • यदि सूर्य उदित होते हुए केतु से ग्रसित हुआ हो और ग्रसित हुआ ही अस्त हो चुका हो, तब उस अहोरात्रि के आठ प्रहर एवं आगामी अहोरात्रि के
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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