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________________ 58... आराम अध्ययन की मौलिक विधि का शास्त्रीय विश्लेषण 60. गणहर थेरकयं वा, आएसा मुक्क- वागरणओ वा । धुव-चल विसेसओ, वा अंगाणंगेसु नाणत्तं ॥ विशेषावश्यकभाष्य, गा. 550 61. (क) आवश्यक मलयगिरि टीका, पत्र 47-48 (ख) तदनियतमतस्तदनङ्ग प्रविष्ट मुच्यते । 62. वक्तृविशेषाद् द्वैविध्यम्। 63. आरातीयाचार्यकृतांगार्थप्रत्यासन्नरूपमंग- बाह्यम्। तत्त्वार्थ राजवार्तिक 1 / 20 64. (क) नन्दीसूत्र, सूत्र 82 नन्दी मलयगिरि टीका, पृ. 203 तत्त्वार्थभाष्य 1/20 (ख) योगनन्दी, मलयगिरि प्रत पृ. 254 65. तत्त्वार्थसूत्र - श्रुतसागरीयवृत्ति, 1 / 20 पृ. 65-70 66. (क) आवश्यक नियुक्ति, गा. 777 (ख) आवश्यकभाष्य, गा. 124 की टीका, पृ. 273 उद्धृत आगमसुत्ताणि, भा. 24 67. विशेषावश्यकभाष्य, गा. 2281 68. आवश्यकनिर्युक्ति, गा. 763 (नियुक्ति संग्रह) 69. आवश्यक हरिभद्रीय टीका, पृ. 308 70. रत्नकरण्डक श्रावकाचार, 2/43-46 71. ततश्चतुर्विध: कायोऽनुयोगोऽतः परं मया ततोऽङ्गोपाङ्गमूलाख्य ग्रन्थच्छेद प्रभावकचरित्र, द्वितीय आर्यरक्षित प्रबन्ध कृतागमः । 72. तत्त्वार्थभाष्य, 1/20, पृ. 43 73. सुबोधा सामाचारी, पृ. 31-34 74. विधिमार्गप्रपा - सानुवाद, पृ. 168 75. आचारदिनकर, पृ. 103 76. जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा, पृ. 22 77. ए हिस्ट्री ऑफ दी केनोनिकल लिट्रेचर ऑफ दी जैन्स, पृ. 44-45 78. जैन दर्शन, पृ. 89 79. सामाचारी शतक, आगम स्थापना अधिकार 80. नन्दीसूत्र, सू. 81 81. आवश्यक निर्युक्ति, गा. 777
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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