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________________ पदारोहण सम्बन्धी विधि रहस्यों की मौलिकता आधुनिक ... xlili महाव्रतों को स्वीकार करना नैश्चयिक अनुशासन है तथा संघीय आत्मोत्कर्ष के लिए आचारमूलक नियमों का प्रतिष्ठापन करना एवं उन्हें प्रायोगिक बनाना व्यावहारिक अनुशासन है। पद-व्यवस्था के माध्यम से अनुशासकीय प्रणाली निरन्तर ऊर्ध्वगामी बनती है अतः पदव्यवस्था का अपना स्वतंत्र मूल्य है। प्रस्तुत शोध खण्ड में पदस्थापना के गवेषणात्मक एवं समीक्षात्मक पहलुओं को ग्यारह अध्यायों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है प्रथम अध्याय में पदव्यवस्था के उद्भव एवं विकास की चर्चा करते हुए मुनिपद की दृष्टि से आचार्य, उपाध्याय, प्रवर्त्तक, स्थविर, गणि, गणधर, गणावच्छेदक आदि तथा साध्वी पद की दृष्टि से श्रमणी, भिक्षुणी, निर्ग्रन्थिनी, आर्यिका, क्षुल्लिका, गणिनी, महत्तरा, अभिषेका, प्रतिहारी, स्थविरा आदि की सामान्य परिभाषाएँ बताई गई है। द्वितीय अध्याय में वाचना दान एवं वाचना ग्रहण विधि का मौलिक स्वरूप प्रस्तुत करते हुए वाचना दान के योग्य कौन ? वाचना देने का अधिकारी कौन? योग्य शिष्य को वाचना देने के लाभ, अयोग्य शिष्य को वाचना देने - लेने के दोष, सूत्र सीखने के नियम, श्रुत अध्ययन के उद्देश्य आदि महत्त्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला गया है। तृतीय अध्याय में पद व्यवस्था की क्रमिकता को ध्यान में रखते हुए प्रवर्त्तक पद स्थापना विधि का मार्मिक स्वरूप बताया गया है। चतुर्थ अध्याय में स्थविर पद की उपयोगिता को पुष्ट करते हुए इस पद विधि का पारम्परिक स्वरूप कहा गया है। पंचम अध्याय में गणावच्छेदक पद का प्राचीन स्वरूप व्याख्यायित करते हुए जैन संघ के लिए इस पद की मूल्यवत्ता का अंकन किया गया है। षष्ठम अध्याय गणिपद स्थापना विधि से सम्बन्धित है। इसमें गणिपद शब्द की समीक्षा करते हुए गणधारण योग्य शिष्य की परीक्षा विधि, गणिपदस्थ के लिए आवश्यक योग्यताएँ, गणिपद की परम्परा का मौलिक इतिहास आदि विशिष्ट तथ्यों पर विचार किया गया है। सप्तम अध्याय में उपाध्याय पद स्थापना विधि का विस्तृत निरूपण करते हुए इस पद व्यवस्था का वैज्ञानिक मूल्य उजागर किया गया है।
SR No.006244
Book TitlePadarohan Sambandhi Vidhiyo Ki Maulikta Adhunik Pariprekshya Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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