SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 46
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ xliv...पदारोहण सम्बन्धी विधि रहस्यों की मौलिकता आधुनिक परिप्रेक्ष्य में अष्टम अध्याय आचार्य पद स्थापना विधि के रूप में संयोजित है। इसमें आचार्य के गुण, आचार्य के प्रकार, आचार्य की महिमा, आचार्य पद की उपयोगिता, आचार्य पद का अधिकारी कौन? आचार्य की आशातना के दुष्परिणाम? इस तरह के अनछुए विषयों का अन्वेषण शास्त्रीय आधार पर किया गया है। नवम अध्याय में महत्तरा पद के अलौकिक स्वरूप का दिग्दर्शन करते हुए जिनशासन के लिए यह पद किस रूप में सार्थक है? इसका प्रामाणिक एवं ऐतिहासिक उल्लेख किया गया है। दशम अध्याय में प्रवर्तिनी पद से सम्बन्धित अनेक पक्षों का सहेतुक निरूपण किया गया है। एकादश अध्याय में पदारोहण के अनछुए एवं अद्भुत रहस्यों की जानकारी दी गई है। इस तरह खण्ड-7 का प्रत्येक अध्याय अपने-आप में मूल्यवान सिद्ध होता है। प्रस्तुत शोध के माध्यम से यह कहना चाहूँगी कि इस नवनीत के द्वारा पारिवारिक व्यवस्था एवं अनुशासन का मुख्य उद्देश्य समझकर हम स्वयं को तथा सामाजिक व्यवस्था को सही दिशा दे पाएं और एक संगठित समन्वयात्मक समाज की रचना कर सकें तो इस प्रयास की सार्थकता होगी।
SR No.006244
Book TitlePadarohan Sambandhi Vidhiyo Ki Maulikta Adhunik Pariprekshya Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy