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224...पदारोहण सम्बन्धी विधि रहस्यों की मौलिकता आधुनिक परिप्रेक्ष्य में 147. कालग्रहणविधि, योगोद्वहनविधि के अधिकार में कही गयी है। 148. बृहत नन्दीपाठ अर्थात 700 श्लोक परिमाण सम्पूर्ण नन्दीसूत्र। 149. धर्मसंग्रह, भा. 3, पृ. 508 150. प्राचीनसामाचारी, पृ. 26 151. विधिमार्गप्रपा-सानुवाद, पृ. 199-205 152. श्रीप्रव्रज्यायोगादिविधिसंग्रह, पृ. 103-106 153. आचारदिनकर, पृ. 112 154. सामाचारीसंग्रह, पृ. 73 155. तिलकाचार्य सामाचारी, पृ. 48. 156. आचारदिनकर, पृ. 114 157. सामाचारीप्रकरण, पृ. 26 158. विधिमार्गप्रपा-सानुवाद पृ.193-198 159. सुबोधासामाचारी, पृ. 18 160. आचारदिनकर, पृ. 115 161. विधिमार्गप्रपा-सानुवाद, पृ. 196 162. सामाचारीसंग्रह, पृ. 73 163. सामाचारीप्रकरण, पृ. 26. 164. तिलकाचार्यसामाचारी, पृ. 48 165. सुबोधासामाचारी, पृ.18. 166. विधिमार्गप्रपा-सानुवाद पृ.193-194 167. आचारदिनकर, पृ. 114 168. निर्वाणकलिका, पृ. 7-9 169. हुम्बुज श्रमण भक्ति संग्रह, खण्ड 1, पृ. 499-500 170. जैन एवं बौद्ध शिक्षा दर्शन : एक तुलनात्मक अध्ययन, पृ.155-159